हिमाचल व् उत्तराखंड को आपस में जोड़ने वाले नए पुल आधारशिला उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंदर सिंह रावत आज विकासनगर से रखने वाले है। इस पुल के निर्माण के बाद से विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब के दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को सुविधा मिलेगे साथ ही इस पुल के साथ लगती सड़क का भी कायाकल्प होगा। आने वाले समय में बढ़ते ट्रफिक की समस्या व् भारीभरकम वाहनों की आवाजी से लोगो को परेशानी झेलनी पड़ रही थी उससे भी राहत मिलने सकेगी।
पूर्व विधायक ,पांवटा साहिब चौधरी किरनेश जंग का कहना है कि इस पुल के निर्माण को लेकर पहल उन्होंने अपने सहयोगी व् कांग्रेस विधायक विकासनगर नव प्रभात के सहयोग से की थी। इस पुल की डीपीआर के लिये हिमाचल व् उत्तराखंड के अधिकारीयों के साथ कई बार उन्होंने विकासनगर में बैठके करवाई तब जाकर इसकी डीपीआर तेयार की गई , डीपीआर 53 करोड़ की बनी थी। उन्होंने इस ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में समय समय पर आप सभी जनता से भी जानकारी संझा की व् इसकी अपडेट के बारे में सबको समय समय पर बताते रहे। नीति आयोग की मंजूरी के बाद अब 42 करोड़ 97 लाख 42 हज़ार की लागत से पुल का निर्माण होगा। उत्तराखंड सरकार इस पुल का निर्माण करने जा रही है ।
लेकिन वर्तमान विधायक सुखराम चौधरी श्रेय लेने की होड़ में जनता को गुमराह करने का कोई मौका नहीं चूकते , उन्होंने जनता को गुमराह करते हुए हर मंच से इस पुल की डीपीआर तेयार करके इसे मंजूर करवाने का दावा किया, लेकिन शायद वो ये भूल गए है की आज का युग पढेलिखे और समझदार लोगो का युग है उन्हें राजनेतिक रोटियां सेकने के लिए गुमराह करना नामुमकिन है। पांवटा सहित से भगानी सड़क मगर को डिस्ट्रिक्ट मेजर रोड में डालने के लिए उन्होंने काम किया लेकिन इसका श्रय भी सुखराम चौधरी ने लेने की कोई कसर नहीं छोड़ी।
बातापुल से गोविन्द घाट बेरियज तक सड़क को चौड़ा करना व् इसके बीच दिवाईडर लगाने की शुरुआत उन्होंने की लेकिन उसी चीज को तोड़ मरोड़ के जनता के सामने अलग अंदाज में पेश करने की भी भरपूर कौशिक की गई। यमुना नदी के तटीकरण को लेकर भी उन्होंने अपने कार्यकाल में काम किया जिसके लिए भविष्य में करोडो की राशी खर्च होगी , इस विषय को भी हमने मीडिया के समक्ष रखा , लेकिन इसका श्रेय लेने की फिराक में भी सुखराम चौधरी लगे हुए है।
हमने अपने पांच साल के कार्यकाल में ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों तक का सुधारीकरण करवाया , नई सड़कों का निर्माण करवाया लेकिन उस समय सुखराम चौधरी और उनकी टीम ने पद यात्रा के नाम से राजनेतिक शोशेबाजी की , आज पांवटा साहिब विधानसभा क्षेत्र की तमाम सड़कें दुर्दशा का शिकार हो चुकी है सत्ता में आकर एक वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी सुखराम चौधरी सैकड़ो की दशा को नही सुधार पाए है ।
सुखराम चौधरी का खुद का पोलिटिकल करियर ख़त्म होने लगा है। आज के समय में उनके विधानसभा क्षेत्र में नाहन के विधायक व् विधानसभा अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल और शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर का हस्तक्षेप है उनको तो विधानसभा क्षेत्र पांवटा साहिब में आयोजित होने वाले ख़ास कार्यक्रमों में भी बतौर मुख्य अतिथि शरीक होने का भी मौक़ा नहीं मिल पा रहा है।
पूर्व विधायक ,पांवटा साहिब चौधरी किरनेश जंग ने विधायक सुखराम चौधरी पर सीधा आरोप लगाया है की वो श्रेय लेने के लिए जनता को गुमराह कर रहे है यदि वो खुद सत्ता में रहते हुए पांवटा विधानसभा क्षेत्र के लिए बड़ा काम नहीं कर पा रहे है तो कम से कम हमारे द्वारा जो शहर के लिए गत पांच वर्षो में पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के सहयोग से काम किये गए है उसका श्रेय लेने के लिए जनता को गुमराह न करे।