बुधवार को शिमला में हुई बोर्ड की बैठक में अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने अपनाया कड़ा रुख
भाजपा सरकार के शासनकाल के अंतिम वर्ष की कामगारों की 204 करोड़ रुपये की देनदारी अब तक लंबित
Khabron wala
हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की बुधवार को शिमला में हुई समीक्षा बैठक में भाजपा शासनकाल में चुनावी वर्ष के दौरान चहेतों को लगभग 172 करोड़ रुपये की रेवड़ियां बांटने का मुद्दा जोर-शोर से उठा। बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने अधिकारियों से पूरे मामले में जवाबतलब किया है। जिला श्रम कल्याण अधिकारियों को यह रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं कि वर्ष 2021-22 में 72260 कामगारों का पंजीकरण रातों-रात किस आधार पर किसके दबाव में किया गया था। इस रिपोर्ट के आने के बाद उस समय के श्रम अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। जवाब संतोषजनक न होने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि वर्ष 2021-22 की कामगारों की अब तक 204 करोड़ रुपये की देनदारी लंबित हैं। पात्र कामगार, बोर्ड की योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए और रातों-रात पंजीकृत हुए कामगारों को रेवड़ियां बांट दी गईं। बोर्ड ने चुनावी वर्ष में लाभान्वित हुए कामगारों की पात्रता संबंधी जांच बिठा दी है, जिसमें दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। पूर्व भाजपा सरकार में कामगारों के पंजीकरण व राशि वितरण में खूब फर्जीवाड़ा हुआ है। इससे उस समय के विभागीय मंत्री की कार्यप्रणाली पर भी उंगली उठ रही है। क्योंकि, अब तक की जांच में फर्जी पंजीकरण के 38 मामले पकड़े जा चुके हैं। इन मामलों में फर्जी लाभार्थियों पर हमीरपुर, भोरंज, बड़सर व सुजानपुर थाना में एफआईआर भी दर्ज है। एफआईआर दर्ज होने के बाद सजा के डर से 9 फर्जी लाभार्थियों ने 6 लाख रुपये की राशि बोर्ड को लौटा दी है। क्योंकि, बोर्ड के अधिनियम के अनुसार फर्जी तरीके से लाभ लेने पर 10 साल की सजा का प्रावधान है।
20 माह में 72,711 लाभार्थी कर दिए लाभान्वित
अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में 40696 लाभार्थी व 2022-23 में आठ महीने में 32015 लाभार्थी लाभान्वित किए गए। भाजपा ने बोर्ड को दोबारा चुनाव जीतने के लिए सियासी हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया और आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले तक चहेतों को जमकर लाभ पहुंचाया।
इन-इन मदों में बांटी राशि
श्री कंवर ने बताया कि पहली अप्रैल, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक 92.33 करोड़ रुपये कामगारों को बांटे। जिनमें शादी के लिए 32 करोड़ रुपये, शिक्षा के लिए 44 करोड़, चिकित्सा के लिए 1.30 करोड़ रुपये, मृत्यु पर 8.65 करोड़ रुपये, मातृत्व पर 5.24 करोड़ रुपये दिए गए। एक अप्रैल, 2022 से 31 अक्तूबर, 2022 तक आचार संहिता लगने से पहले 79.29 करोड़ रुपये बांटे गए। शिक्षा के लिए 52.21 करोड़ रुपये, मेडिकल के 19 लाख रुपये, मृत्यु पर 4.33 करोड़ रुपये, मातृत्व पर 2.39 करोड़ रुपये और प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 13 लाख रुपये की राशि वितरित की गई।
अब हिम परिवार पोर्टल के जरिये पंजीकरण
कांग्रेस सरकार ने सत्ता संभालने के बाद कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकरण के लिए हिम परिवार पोर्टल को अनिवार्य किया है। अब तक के कार्यकाल में 14913 नए कामगार नियमों के तहत पंजीकृत किए गए हैं और उन्हें 66 करोड़ रुपये की राशि सहायता के तौर पर प्रदान की गई है।