Khabron wala
हिमाचल प्रदेश के सोलन ज़िले के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में अपनी ही बहन की इंटरकास्ट शादी से नाराज़ एक युवक ने अपने जीजा, सांई पंचायत के पूर्व उपप्रधान सोहनलाल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने तीन दिन की कड़ी तलाश के बाद आरोपी सुरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
मुखबिर की मदद से पकड़ा आरोपी
एसपी बद्दी विनोद कुमार ने बीते कल यानी सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी को आज तड़के चिकनी गांव के पास से दबोचा गया। तीन दिनों से पुलिस टीमें लगातार जंगलों और सीमावर्ती इलाकों में तलाश में जुटी थीं। पुलिस ने आरोपी के बारे में सूचना देने वाले को 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। आखिरकार, मुखबिर की मदद से आरोपी को पकड़ लिया गया।
जानकारी के अनुसार, मृतक सोहनलाल अनुसूचित जाति से संबंध रखते थे, जबकि उनकी पत्नी यानी आरोपी की बहन राजपूत समुदाय से थी। इस साल जनवरी 2025 में दोनों ने प्रेम विवाह किया था। यह विवाह सुरेश कुमार को नागवार गुज़रा, क्योंकि उसे लगा कि उसकी बहन ने परिवार की इज्जत दांव पर लगा दी है। इसी रंजिश के चलते उसने अपने जीजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
गोली मारकर की हत्या
घटना 17 अक्तूबर की है। उस दिन सोहनलाल अपनी कार से किसी काम के लिए जा रहे थे, तभी रास्ते में आरोपी सुरेश कुमार ने कार रुकवाई और नज़दीक से गोली दाग दी। गोली सीधे सिर में लगी, जिससे सोहनलाल गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें पहले बद्दी अस्पताल और बाद में पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान शाम को उन्होंने दम तोड़ दिया।
शुरुआती जांच में पुलिस ने मामला अटेम्प्ट टू मर्डर (धारा 307) और आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज किया था। लेकिन सोहनलाल की मौत के बाद इसमें धारा 302 (हत्या) और SC/ST एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं। अब आरोपी पर हत्या और जातिगत भेदभाव के तहत भी मामला चलेगा। पुलिस ने बताया कि सुरेश कुमार को जल्द ही नालागढ़ कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा ताकि हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद किया जा सके।
बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही सोहनलाल को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा था। उन्होंने इस बाबत पुलिस से लिखित सुरक्षा की मांग भी की थी। यहां तक कि उन्होंने एक वीडियो जारी कर पुलिस और डीजीपी को भेजे गए “फर्जी पत्र” का जिक्र किया था, जिसमें लिखा गया था कि उन्हें अब कोई खतरा नहीं है। दुखद यह है कि उनका अंदेशा सही निकला और आखिरकार उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी।