सहकारिता आंदोलन का उदय हिमाचल प्रदेश की धरती पर ही हुआ है और आज सहकारिता आंदोलन पूरे देश में कृषि के बाद दूसरे नंबर पर आर्थिकी की रीढ़ है। यह बात पूर्व मंत्री एवं जिला सहकार संघ के अध्यक्ष सत्य प्रकाश ठाकुर ने यहां भूट्टी में सहकारिता बंधुओं को संबोधित करते हुए कही। वे यहां 66वे अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सहकारिता का उदय 1892 में ऊना जिला के पंजावर में हुआ था और 1904 में सहकारिता कानून बना था। लेकिन सहकारिता आंदोलन में सही मायने में आजादी के बाद क्रांति आई जब देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इस आंदोलन को गति दी। उन्होंने कहा कि देश में पहले तीन करोड़ से अधिक बुनकर थे लेकिन आज मात्र 43 लाख बुनकर रहे हैं। जबकि प्रदेश में मात्र 5578 बुनकर हैं जिसमें 692 भूट्टी विवर्ज में ही है।
उन्होंने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी स्थान से हैं जहां सहकारिता का हब है और देश भर में जाने बाली साड़ियां वहीं से पहुंचती है। इसलिए उनसे देश के सहकारिता से जुड़े लोगों को बहुत आशा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी ऐसे स्थान से हैं जहां हथकरघा व बुनकर में लोग माहिर है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर के गरीब हथकरघा कारीगिरों के उत्थान के लिए जो पग उठाएं हैं वे सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सहकारिता सभी का विकास करती है और मुनाफा खोरी को रोकने, गरीबी खत्म करने, वेरोजगरी समाप्त करने के लिए सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भूट्टी विवर्ज में बनने बाले शाल,टोपी व अन्य उत्पाद आज देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं और इस सहकारी सभा ने सैंकड़ों लोगों को रोजगार दिया है।
उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा देने की आज आवश्यकता है और इसके उत्थान के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए ताकि देश की आर्थिक स्थिति मजबूत बनी रह सके। उन्होंने देश में घट रही बुनकरों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और पावरलूम उत्पादों को नकल करने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिता हमें लोकतंत्र सिखाती है इसमें करोड़ों पति व गरीब सदस्य को भी समान अधिकार मिलते हैं।इस अवसर पर जिला सहकार संघ के उपाध्यक्ष डोला सिंह महंत, केवीआर के अध्यक्ष सेना पाल शर्मा,ब्रह्मा स्वरूप ठाकुर,सुखदास नैयर, एस शिंदे प्रभारी राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम,मेहरचंद ठाकुर,निरीक्षक सहकारी सभाएं कुल्लू, रमेश ठाकुर सीजेएम भूट्टीको, जय देव विद्रोही,बलदेव सिंह ठाकुर,देवी दयाल ठाकुर व भट्टी विवर्ज निदेशक मंडल के सदस्यों सहित समस्त बुनकर व अन्य सहकारी सभाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।