पावटा साहिब जहां एक और पूर्ण रूप से वैक्सीनेशन के फर्जी दावे विभाग द्वारा किए जा रहे हैं वही लोगों के फोन पर बिना वैक्सीनेशन कराई सर्टिफिकेट डाउनलोड करने के मैसेज आ रहे हैं वही बीएमओ पावटा साहिब को शिकायत करने पर उन्होंने सर्टिफिकेट मिल जाने के बाद वैक्सीनेशन करवाने का झूठा वादा भी किया अब देखना यह होगा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सरकार क्या कार्रवाई करेगी जो फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर सरकार को भी झूठे आंकड़े पेश कर रहे हैं कि वैक्सीनेशन कंप्लीट की गई है
कोरोना महामारी के बीच वैक्सीनेशन रिपोर्ट में गड़बड़ी से परेशान हैं। यह सिस्टम की विफलता या फिर स्टाफ की गलती जांच का विषय है? जिले में धड़ाधड़ लगाए गए वैक्सीनेशन कैंपों की जिम्मेदारी ठीक हाथों में नहीं दी गई, जिस कारण सैकड़ों लोगों को वैक्सीन लगी नहीं, लेकिन उनके मोबाइल पर मैसेज आ गया, ‘यू हैव सक्सेसफुली बीन वैक्सीनेटेड’।
वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी अपलोड हो गया। अब यह लोग वैक्सीन लगवाने के लिए भटक रहे हैं। अफसर तो यहां तक सलाह दे रहे हैं कि दूसरे मोबाइल नंबर से रजिस्ट्रेशन कराकर वैक्सीन लगवा सकते हैं, लेकिन लोग डरे हैं कि यह तो गलत हो जाएगा। इससे वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की सच्चाई पर ही सवाल खड़ा हो गया है और सरकार द्वारा जारी डाटा भी सवालों के घेरे में हो गया है। वैक्सीनेशन कैंपेन में 18 प्लस को जोड़ने के साथ जिला प्रशासन और सेहत विभाग ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए धड़ाधड़ कैंप लगवाए गए।
कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने भी वैक्सीनेशन कैंप लगाए, जहां बड़ी संख्या में युवक और अन्य लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे। जहां रजिस्ट्रेशन और अपलोड करने में तालमेल की कमी या सेहत विभाग के स्टाफ की गलती के कारण बड़ी संख्या में लोग टीका लगवाए बगैर लौटे, लेकिन वे अपने मोबाइल का मैसेज देखकर हैरान हैं। उनके रजिस्ट्रेशन के फार्म भरे गए लेकिन टीका नहीं लगा। मैसेज था कि आप को वैक्सीन लग चुकी है और उनके सर्टिफिकेट भी http://cowin.gov.in पर उपलब्ध हो गए थे।
यह समस्या सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं है। जिला में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें बिना टीका लगवाए ही टीकाकरण का मैसेज आ रहा और कोविन पोर्टल पर उनका प्रमाण पत्र जारी हो जा रहा है।दूसरी डोज लेने में परेशानी हो रही है
ऐसे लोगों को दूसरी डोज लगवाने में काफी परेशानी होती है। एक तो ऑनलाइन में इनकी स्लॉट बुकिंग नहीं होती। दोबारा जब ये लोग टीका लगवाने केन्द्र पर पहुंचते हैं, तो वहां ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाता। केंद्र से इन्हें लौटा दिया जाता है।
अधिकारियों से शिकायत करता ने बिना टीका लगवाए टीकाकरण पूर्ण होने का मैसेज आने और प्रमाण जारी होने की शिकायत किया है। इन्हें टीकाकरण के लिए गए उनके मोबाइल नंबर, आधार नंबर समेत अन्य व्यक्तिगत जानकारी के गलत इस्तेमाल की आशंका सता रही है।