सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल के बकरास में सात सितंबर को मौत के घाट उतारे गए केदार सिंह जिंदान की पत्नी ने अब सीबीआई जांच की मांग उठाई है। दलितों के हितों के मुद्दे उठाते रहे बसपा नेता केदार सिंह जिंदान की हत्या के बाद पीडि़त परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है।
मृतक की पत्नी हेमलता ने आज शिमला में प्रेस वार्ता में नम आंखों से बताया कि अपराधियों ने उसके पति की जघन्य तरीके से हत्या की है। इसमें कई लोग शामिल हैं तथा इस हत्याकांड की सीबीआई जांच होनी चाहिए, क्योंकि सिरमौर पुलिस की जांच पर उन्हें भरोसा नहीं है। हेमलता ने कहा कि इस मामले के दो चश्मदीद गवाह हैं और पुलिस उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया करवाए।
रूंधे स्वर में मृतक की पत्नी ने कहा कि उनके पति को काफी समस से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। जिन लोगों से उनकी जान को खतरा था, उनकी नाम सहित सूची पुलिस को दी थी। साथ ही इसकी एक कॉपी डीजीपी को भी भेजी गई थी। उनके पति पर पिछले वर्ष भी जानलेवा हमला हुआ था, फिर भी पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाना जरूरी नहीं समझा।
हेमलता का कहना रहा कि उनके पति सिरमौर जिले के दूरदराज इलाकों मंे सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लगातार आबाज उठा रहे थे। लेकिन स्वर्ण समाज को यह नागवार लग रहा था। अब तक की जांच में यह साफ हो चुका है कि उनके पति की हत्या हुई है। बावजूद इसके वहां का राजपूत समाज इस मामले मे ंदर्ज एट्रोसिटी एक्ट की धारा को हटाने की मांग कर रहा है।
हेमलता इस बात से बेहद खफा हैं कि सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने वाले उनके पति की हत्या के बाद सरकार का एक नुमाइंदा उन्हें सांत्वना देने तक नहीं आया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों सरकार ने जो वायदे उनके साथ किए थे, उनमें से एक भी पूरा नही हुआ है। आज उनके पास न तो रहने के लिए घर है और न ही खाने के लिए रोटी। दो बेटियों का भरण पोषण भी मुश्किल हो गया है। एक रूपया बैंक बैलंेस तक नहीं है। जो भी पैसा होता था, मेरे पति सामाजिक कार्यों में लगा देते थे। हेमलता ने कहा कि सरकार अपने वायदों को पूरा करे और उसे नौकरी मुहैया करवाई जाए।