(जसवीर सिंह हंस ) सिविल अस्पताल प्रबंधन पर नवजात बच्चों की अदला-बदली का एक आरोप लगा है। आरोप है कि उन्हें बेटे की बजाय बेटी थमा दी गई है। इसके बाद मामला पुलिस तक जा पहुंचा है। पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने इस संदर्भ में कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि अपनी तरह का सिरमौर जिला में यह पहला मामला है। इस आरोप के बाद उक्त अस्पताल पर सवालिया निशान खड़े हो गए है।
भांटावाली निवासी जगदीश चंद ने बच्चों की अदला-बदली को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी की 13 फरवरी को रात 12 बजे डिलीवरी हुई। मगर चार घंटे तक उन्हें यह नहीं बताया गया कि नवजात बच्चा लड़का हुआ या लड़की लेकिन प्रबंधन द्वारा उन्हें लड़की दे दी गई है तथा जब उसकी पत्नी को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया, तो डिस्चार्ज स्लीप पर मेल शिशु लिखा गया है। इस कारण उन्हें पूरा शक है कि बच्चों को बदला गया है।
उधर अस्पताल के एसएमओ डा. सहगल का कहना है कि नवजात शिशु के पैदा होते ही मां और बच्चे के पैरों व हाथों के निशान व दो रजिस्ट्रों में एंट्री की जाती है, जिनमें बाकायदा फिमेल की एंट्री की गई है। लिहाजा ये आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है।
उधर डीएसपी पांवटा प्रमोद चौहान ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में उनहें शिकायत मिली है। शुरूआती जांच में अस्पताल के रिकार्ड में पाया गया है कि 13 फरवरी की रात को दो बच्चियों का जन्म हुया था। जिसकी जांच शुरू कर दी गई है। अब बच्चे का डीएनए टैस्ट करवाया जाएगा जिसके लिए जगदीश का बल्ड सैंपल लिया गया है। तभी स्थिति स्पष्ट हो पाएगी