यदि श्रम विभाग व पुलिस कड़ी कारेवाही करते हुए शहर में ढाबो दुकानों व घरो में कार्य कर रहे लोगो की पूरी जाँच करे तो कई मामले उजागर हो सकते है जिनमे नाबालिक बच्चो से काम करवाया जा रहा हो | वही इस मामले में उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव का कहना है कि यदि ऐसा कुछ हो रहा है तो ये गंभीर मामला है व इस मामले को भी उठाया जायेगा | सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसे कई स्थान है जहा पर नाबालिक बच्चो से काम करवाया जा रहा है व माँ बाप उसके बदले में पैसे ले रहे है | www.khbronwala.com लोगो से अपील करता है कि किसी को इस प्रकार की नाबालिक बच्चो से श्रम करवाने की कोई भी जानकारी है तो वह हमें 9816675253 पर सम्पर्क कर सकते है बच्चो से जुड़े मामले को प्रमुखता से उठाया जायेगा |
गत दिनों से एक नाबालिक बच्चियों का मामला सुर्खियों में रहा जिसके बाद आरोपियों पर कारेवाही भी हो गयी | एक बात यह भी चर्चा में है की क्या घर में श्रम कार्य करवाने वाले ही इस सब के पीछे दोषी है ? क्या उस बाप की कोई गलती नहीं है जिसने मासूम बच्चियों को दर दर की ठोकरे खाने के लिए मजबूर कर दिया ? वही यह भी जाँच का विषय है की सरकार जो लडकियों को स्कूल में मुफ्त ड्रेस , खाने , किताबे आदि के दावे करती है क्या बच्चियों का बाप उनको शिमला में नहीं पढ़ा लिखा सकता था यदि उसने ऐसा नहीं किया तो क्या इसके पीछे पैसो का लालच तो नहीं था ?
वही आरोपी परिवार पुलिस में यही बात कह रहे है कि बच्चियों का का पिता स्वय उनको पांवटा साहिब लेकर आया था व उन्होंने बच्चियों पर दया करके उनको पढाया व उनको अपने बच्चो की तरह रखा व बच्चियों का पिता इसके बदले हर महीने पैसे लेने भी आता था | व परिवार वाले सारे आरोपों को भी नकार रहे है |
उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने कहा कि ने कहा कि हम दोनों बेटियों की भविष्य में हर संभव मदद करेंगे। उमंग फाउंडेशन ने दोनों नाबालिग बच्चियों की शिक्षा तक की जिम्मेवारी ली है | व लड़की का पिता पैसे लेने से इनकार कर रहा है उसका कहना है कि उसने लडकियों का भविष्य बनाने के लिए लडकियों को वहा भेजा था | सिरमौर की महिला पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबशिवान का कहना है कि इस मामले में यदि पैसे लेकर लडकियों को भेजने की बात सामने आयेगी तो ही बच्चियों के पिता पर भी ह्यूमन ट्रेफिकिंग का मामला दर्ज किया जायेगा |