( जसवीर सिंह हंस ) हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के टैक्स चोरी व बैंक घोटाले में अब सीआईडी की टीम ने आबकारी एवं कराधान विभाग के पियन (चपड़ासियों) को नोटिस भेजकर जांच के लिए बुलाया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 में कंपनी सील होने के बाद भी विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत लाखों रूपये का स्क्रब बाहर गया। इस स्क्रब में पियून से लेकर कई बड़े अधिकारियों को शेयर मिलता था। सीआईडी ने 2014 से 2016 तक आबकारी एवं कराधान विभाग के 18 पियून जो बहराल बैरियर, यमुना पुल बैरियर, कालाअंब बैरियर व पांवटा ऑफिस में ईटीओ व इंस्पेक्टर के साथ तैनात थे। उनमे से कई को नोटिस भेज कर जांच के लिए सीआईडी मुख्यालय शिमला बुलाया है।
इस दौरान इंडियन टेक्नोमैक से तांबे व अन्य सामान के साथ जो गाडिय़ां निकलती थी, उसमें पियून से लेकर कई अधिकारियों को भी हिस्सेदारी मिलती थी। पियून को 8000 रूपये प्रति गाड़ी के हिसाब से राशि मिलती थी। जबकि इंस्पेक्टर, ईटीओ व बड़े अधिकारियों को बड़ी राशि मिलती थी। सीआईडी ने कुछ चपड़ासियों को 25 नंबर को सीआईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों से पता चला है कि कुछ इंस्पेक्टर, ईटीओं के अतिरिक्त कुछ चपड़ासियों ने अग्रिम जमानत ले रखी है। जिससे यह बात पुख्ता हो गई है कि चपरासियों को भी चोरी हुए तांबे की गाडिय़ां निकालने में राशि मिलती थी।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने श्रीरेणुकाजी मेले के शुभारंभ अवसर पर पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडियन टेक्नोमैक के 6000 करोड़ के घोटाले में सीआईडी की टीम बेहतर काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि घोटाले के आरोपी चाहे वह किसी भी स्तर का अधिकारी या कोई भी व्यक्ति हो किसी को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह विदेश में ही क्यों ना छुपा हो। उसे हर हाल में सजा दिलाई जाएगी। अब देखना है कि 25 तारीख को चपरासियों से पूछताछ के बाद क्या सीआईडी की टीम इन में से किसी को गिरफ्तार करती है या पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ देगी।
आबकारी एवं कराधान विभाग से गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त ईटीओ टेक चंद को सोमवार को सीआईडी की टीम ने जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां से अदालत ने टेकचंद को 3 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले ही टेकचंद को अदालत ने 3 दिन का पुलिस रिमांड दिया गया था। टेकचंद को 15 नवंबर की सायं पांवटा साहिब से गिरफ्तार किया गया था। वही बेकरी मालिक अमित को भी आज कोर्ट में पेश किया गया जहां से अदालत ने उसको न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वही कबाड़ी को दोबारा सीआईडी रिमांड पर लेने में सफल हो गयी है |
इस बारे में एडीजीपी सीआईडी अशोक तिवारी का कहना है कि इंडियन टेक्नोमैक कंपनी के घोटाले में जो भी व्यक्ति सीआईडी टीम जांच के दायरे में आ रहे है। उन सभी व्यक्तियों से पूछताछ कर रही है। आबकारी एवं कराधान विभाग के चपरासियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है ।