पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में पूरी तरह से व्यवस्था फेल होती जा रही है आलम ये है कि मरीज घंटों अस्पताल में डॉक्टर का इंतजार करते हैं। लेकिन उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
बीते कल वीरवार को मरीज डॉक्टर्स का इंतजार करते रहे और डॉक्टर्स बिना किसी सूचना के नदारद पाए गए, बता दें कि पांवटा सिविल अस्पताल में जहां एक और मरीजों के साथ बदसलूकी बढ़ रही है तो वहीं दूसरी ओर स्टाफ की मनमर्जियां भी देखने को मिल रही हैं सिविल अस्पताल में जिस तरह से मरीज को घंटों इलाज का इंतजार करना पड़ रहा है यह अस्पताल की व्यवस्था पर अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है लेकिन इससे भी ऊपर सवाल यह है कि बीजेपी के राज में जब व्यवस्था पर कांग्रेस के नेता सवाल उठाते थे वह आज पूरी तरह से आम जनता के इस दर्द को महसूस नहीं कर पा रहे हैं व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर बनी कांग्रेस सरकार अस्पतालों में बिगड़ी व्यवस्था पर पूरी तरह से खामोशी बनाए हुए हैं।
हालत यह है कि कांग्रेस नेताओं के यहां डॉक्टर बुखार बीपी शुगर तक चेक करने के लिए जा रहे हैं और बदले में सिर्फ इतना चाहते हैं कि सरकार और अधिकारी उन पर किसी गफलत के मामले में कोई कार्रवाई न करें।
वहीं भारत सरकार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग ने हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य डायरेक्टर और अन्य बड़े अधिकारियों को सर्कुलर जारी करते हुए लिखा है कि अस्पतालों में मरीजों के साथ बदसलू की बढ़ती जा रही है जिस पर तुरंत शक्ति के साथ विभाग के डॉक्टर या अन्य कर्मचारियों पर बदसलूकी पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
पत्र में लिखा गया है कि ऐसे उदाहरण हैं जहां चिकित्सा अधिकारियों द्वारा सीजीएचएस (Central Government Health Scheme) लाभार्थियों के साथ व्यवहार के अपेक्षित मानकों को पूरा नहीं किया गया है। इस मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लिया है। इसलिए, सीजीएचएस शहरों के सभी अतिरिक्त निदेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्रशासनिक नियंत्रण के तहत चिकित्सा अधिकारियों/कर्मचारियों को मरीजों के साथ व्यवहार करते समय सौहार्दपूर्ण और सम्मानजनक व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दें। यह उनकी ज़िम्मेदारी है कि वे न केवल बीमारियों का निदान और उपचार करें बल्कि उनकी देखभाल के तहत रोगियों को सांत्वना और आश्वासन भी प्रदान करें।
ऐसे में पांवटा सिविल अस्पताल का एक वीडियो सामने आया है जिसमें कई घंटे तक लोग डॉक्टर का इंतजार करते रहे लेकिन कोई उन्हें देखने वाला नहीं था अगर कोई पक्ष सिविल अस्पताल का सामने आता है तो वह भी प्रकाशित किया जाएगा।