मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से आज यहां आईआईटी मण्डी के निदेशक प्रो. तिमोथी ए. गौंसल्व ने मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने हिमालयी क्षेत्र की समस्याओं के समाधान ढूंढने सम्बन्धी अनेक अनुसंधान परियोजनाओं की सराहना करते हुए पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील तथा उन्नत प्रौद्योगिकी के उपयोग पर कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित आईआईटी डिग्री के लिए इस संस्थान में 100 से अधिक हिमाचली युवा नामांकित हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी मण्डी में दो बिजनेस इनक्यूबेटर हैं। आईआईटी मण्डी उत्प्रेरक प्रौद्योगिकी उन्मुख व्यापार पर केन्द्रित है और वर्तमान में आईआईटी के विद्यार्थियों, संकाय और उद्यमियों द्वारा 14 स्टार्टअप शुरू किए गए हैं। ईडब्लयूओके ग्रामीण महिलाओं द्वारा एक अद्वितीय इनक्यूबेटर व्यवसाय है।
आईआईटी मण्डी के निदेशक प्रो. तिमोथी ए. गौंसल्व ने मुख्यमंत्री को संस्थान की विशेष पहलों के बारे में अवगत करवाया।
उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि कमांद के हरित क्षेत्र में वर्ष 2010 में शुरू हुआ आईआईटी मण्डी प्रौद्योगिकी अनुसंधान अध्ययन तथा नवाचार के जीवंत संस्थान के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि संकाय ने प्रायोजित अनुसंधान वित्त पोषण के रूप में लगभग 70 करोड़ रुपये संस्थान के लिए अर्जित किए हैं। अधिष्ठाता अधोसंरचना एवं सेवाएं प्रो. एस.सी. जैन तथा स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के डॉ. सुब्रत घोष भी इस अवसर पर उपस्थित थे।