हायर ग्रेड पे वापस लेने के मामले में मुख्यमंत्री सुक्खू ने बिठाई जांच

Khabron wala

हिमाचल प्रदेश के 89 श्रेणियों के लगभग 15,000 कर्मचारियों को वर्ष 2022 में दिए गए हायर ग्रेड पे को वापस लेने की अधिसूचना जारी करने के मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जांच बिठा दी है। उन्होंने जांच पूरी कर रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मामले में उपजे विवाद से सरकार की हुई किरकिरी को लेकर वित्त विभाग के अधिकारियों से खासे नाराज हैं। मुख्यमंत्री ने इस मामले में कड़े तेवर अख्तियार किए हैं और मुख्य सचिव को जांच करवाने को कहा है। बताया जा रहा है कि जिस अधिकारी ने यह अधिसूचना जारी की है, उस पर गाज गिर सकती है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री कार्रवाई के संबंध में फैसला लेंगे।

दरअसल, हायर ग्रेड पे भविष्य में भर्ती होने वाले कर्मचारियों को नहीं मिलनी थी। नियुक्ति मिलने पर उन्हें अतिरिक्त इंक्रीमैंट से वंचित होना पड़ना था। लेकिन वित्त विभाग के अधिकारियों ने विगत 6 सितम्बर को एक अधिसूचना जारी कर वर्तमान में हायर ग्रेड पे का लाभ ले रहे 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को इससे वंचित कर दिया। यह अधिसूचना जारी होते ही प्रदेश भर में बखेड़ा खड़ा हो गया। विपक्ष ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री को खुद आगे आकर कर्मचारियों को आश्वस्त करना पड़ा कि वर्तमान में लाभान्वित कर्मचारियों को हायर ग्रेड पे मिलती रहेगी।

मुख्यमंत्री के आदेश पर 8 सितम्बर को हायर ग्रेड पे वापस लेने की अधिसूचना तुरंत स्थगित कर दी गई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मामले में बेवजह खड़े हुए विवाद से बेहद खफा हैं। वह स्पष्ट कर चुके हैं कि उक्त अधिसूचना जारी करना न्यायसंगत नहीं था। इस मामले में दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

1.36 लाख कर्मचारी ओपीएस के दायरे में, सरकार को हर माह 1600 करोड़ का कट

राज्य सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक में ही कर्मचारियों को ओल्ड पैंशन स्कीम लागू करने का वायदा पूरा किया था। करीब 1.36 लाख कर्मचारी ओपीएस के दायरे में आए। जिन कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने पर 2500-3000 रुपए पैंशन मिल रही थी, ओपीएस में आने पर वे 25,000 से 30,000 रुपए मासिक पैंशन ले रहे हैं। ओपीएस लागू करने के चलते प्रदेश सरकार पर केंद्र सरकार ने वित्तीय पाबंदियां भी लगाई हैं। सरकार को हर महीने 1600 करोड़ रुपए का कट लग रहा है। एनपीएस के अंशदान के लगभग 10 हजार करोड़ रुपए भी केंद्र सरकार के पास एनपीएस फंड में पड़े हैं, जिन्हें नियमों का हवाला देकर लौटाने से इंकार कर दिया गया है।

 

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!