सेवानिवृत्त लेफ्टिनेन्ट कर्नल शैलेश जंग ने स्थानीय कथित कांग्रेसी विधायक किरनेश जंग एवं उनके भाई राकेश जंग के खिलाफ डीएफओ तथा पुलिस अधीक्षक सिरमौर को लिखित शिकायत की है कि राजनैतिक दबंगई के तहत इन्होंने गैरकानूनी तरीके से हरीपुर खोल में 1600 बीघा की विवादित भूमि एवं उसके आसपास के करीब 50 फलदार हरे वृक्ष एवं खैर तथा साल आदि के पेड़ काटवाए हैं जिस पर पुलिस और फारेस्ट विभाग ने आँख और कान बंद रखे हुए हैं। यह जानकारी आज यमुना होटल के सभागार में पत्रकारवार्ता के दौरान उनके बेटे समीर जंग ने दी।
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा के तहत आने वाले ग्राम हरीपुरखोल की 1600 बीघे विवादित भूमि से पिछले वर्ष 200 हरे फलदार वृक्ष और खैर के वृक्ष राजनैतिक रसूख के चलते जहाँ बेदर्दी से काट दिये गए थे वहीं अब एक बार फिर बीते सप्ताह 40-50 पेड़ों को राजनैतिक रसूख के चलते काट डाला गया और शिकायत करने पर पुलिस और वन विभाग ने आँख और कान बंद करके मामले की गेंद एक दूसरे पर उछालते हुए सबूत के अभाव का रोना रो रहे हैं। जबकि काटे गए पेड़ों के ठूंठ कुछ अभी भी मौजूद हैें जिन्हें बड़ी तेजी से JCB के माध्यम से नेस्तनाबूद करके सूबत मिटाए जा रहे हैं।
पत्रकारवार्ता के दौरान समीर जंग ने बताया कि जहाँ उनके पड़दादा, दादा और दादी की समाधियाँ हैं उन समाधियों के पास छाये के तौर पर लगे हरे वृ़क्षों को भी गैर कानूनी तरीके से काटा गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजनैतिक रसूख के चलते पुलिस, वन विभाग और जिले के आला अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है जिस भूमि पर अदालती कार्यवाही चल रही हो उस भूमि से बेखौफ होकर बिना किसी मंजूरी के फलदार हरे वृक्ष और कीमती दरख्तों को काटना और दो-दो सरकारी वैरियरों की मौजूदगी के बावजूद सारी लक़डी को ट्रकों से ढोकर मौके से गायब करना बड़े वन माफिया की संलिप्ता के प्रमाण है। समीर जंग और उसके परिवार ने पर्यावरण हितों के मद्देनजर अब इस मामले को NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनल) के समक्ष प्रस्तुत करने का मन बनाया है क्योंकि स्थानीय प्रशासन और पुलिस राजनैतिक रसूख के आगे दुम हिलाते नजर आ रहे हैं। अब देखना यह कि NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यनल) शिकायतकर्ता के आने का इंतजार करता है या फिर जनहित एवं पर्यावरण संरक्षण के तहत मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर मामले में एकबार फिर कड़ा संदेश देता है।