कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में जिला सिरमौर कांग्रेस कमेटी ने किया जोरदार प्रदर्शन

प्रदेश कांगे्रस ने कमरतोड़ महंगाई और लचर कानून व्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सिरमौर जिला कांग्रेस कमेटी और सभी नेता सड़कों पर उतरे।

https://youtu.be/1VSvaXBCZkg

You may also likePosts

महंगाई के लगातार बढऩे और कानून व्यवस्था पटरी से उतरने को लेकर कांग्रेस ने एकजुटता दिखाते हुए भाजपा को कठघरे में खड़ा किया। कांग्रेस पदाधिकारियों, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, सेवादल, इंटक सहित सभी अग्रणी संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं ने सुक्खू के नेतृत्व में रैली भी निकाली। कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता हाथ में थालियां लेकर सुबह 11 बजे हिंदू आश्रम से बड़ा चौक, गुनन्नू घाट, माल रोड, दिल्ली गेट, महिमा लाइब्रेरी से डीसी ऑफिस तक जोरदार नारेबाजी करते हुए पहुंचे।

महंगाई के खिलाफ हाथ में कार्यकर्ताओं तख्तियां भी ले रखी थीं। सुक्खू की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं ने डीसी सिरमौर के माध्यम से राज्यपाल आचार्य देवव्रत को ज्ञापन भी भेजा। ज्ञापन में कमरतोड़ महंगाई पर रोक लगाने और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की गई है।

प्रदर्शन में सिरमौर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय सोलंकी, विधायक हर्षवर्धन चौहान, विनय सिंह, पूर्व स्पीकर गंगूराम मुसाफिर, पूर्व विधायक अजय बहादुर सिंह , बृजराज ठाकुर, एससी सेल के चेयरमैन सुरेश कुमार रूपेंद्र ठाकुर उपाध्यक्ष व प्रवक्ता  इस मौके पर जिला परिषद चैयरमैन दलीप चौहान  प्रदेश कांग्रेस कमेटी सचिव ब्रिज राज ठाकुर प्रदेश सचिव अनिन्दर सिंह नॉटी प्रदेश कमेटी सदस्य  नसीमा बेगम पांवटा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ,जिला कांग्रेस कमेटी सचिव विशाल  वालिया असगर अली, सहित हजारों कांग्रेस व युवा कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे ।

सुक्खू बोले, महंगाई पर लगाम क्यों नहीं लगा रहे मोदी : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू आसमान छूती महंगाई और चरमरा चुकी कानून-व्यवस्था को लेकर जमकर बरसे। उन्होंने रैली में कहा कि देश की जनता खून के आंसू रो रही है। पेट्रो पदार्थों, रसोई गैस और खाद्य पदार्थों के दाम आज तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महंगाई पर न तो एक शब्द बोल रहे हैं और न ही लगाम लगा पा रहे। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों व रसोई गैस के दाम दोगुना होने में भी बड़ा गड़बड़झाला मालूम होता है। केंद्र सरकार की निजी कंपनियों के साथ सांठगांठ हैं। कंपनियों का खजाना भरने और भारतीय जनता पार्टी के लिए चंदा लेने के लिए पेट्रो पदार्थों व रसोई गैस की कीमतों का नियंत्रण सरकार ने निजी हाथों में सौंप रखा है। सुक्खू ने कहा कि पूर्व यूपीए सरकार के समय रसोई गैस सिलेंडर लेकर और घोड़ागाड़ी पर चढ़कर प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेता अब कहां सोए हुए हैं।

अनेक नेता तो मोदी कैबिनेट में हैं, अब उन्हें महंगाई क्यों नहीं दिखती। 23 मई 2013 को पेट्रोल की कीमत दिल्ली में  63.09 रुपये थी, जो 21 मई 2018 को बढ़कर 76.57 रुपये, कोलकाता में यह 2013 में 70.35 रुपये थी जो अब 79.24 रुपये, मुंबई में 2013 में 71.13 रुपये थी, जो आज 84.04 रुपये, चेन्नै में 2013 में 65.09 रुपये थी जो आज 79.47 रुपये है। डीजल का रेट 2013 में दिल्ली में 49.69 रुपये था, जो आज 67.82 रुपये है। कोलकाता में 53.97 रुपये था, जो आज 70.37 रुपये, मुंबई में 57.17 रुपये था, जो आज 72.21 रुपये और चेन्नै में 2013 में 52.92 रुपये था, जो आज 71.59 रुपये है। जबकि रसोई गैस का सिलेंडर 2013-14 में चार सौ रुपये था, जो आज नौ सौ रुपये में मिल रहा है। सुक्खू ने मोदी से पूछा है कि क्या यही अच्छे दिन हैं।

अफसरों को सस्पेंड कर बच नहीं सकती सरकार : सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश की जयराम सरकार को भी लपेटे में लिया है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था नाम की प्रदेश में कोई चीज नहीं है। बीते पांच महीने में सौ से ज्यादा जघन्य अपराध हुए हैं। कसौली कांड प्रदेश के इतिहास का काला अध्याय है। सरकार इस मामले में लीपापोती करने में जुटी है। अफसरों को सस्पेंड कर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। उन्हें कड़े कदम उठाते हुए कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करना होगा।

सवालों के घेरे में सरकार की प्रशासनिक क्षमता : सुक्खू ने कहा कि जयराम सरकार की प्रशासनिक क्षमता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है। सरकार व्यवस्था में सुधार करने के बजाय अधिकारियों को धमका रही है। हाल ही में कैबिनेट बैठक में सीएम व मंत्रियों ने डीजीपी को बुलाकर हड़काया। यह उचित नहीं है। सरकार उन्हें धमकाने के बजाए व्यवस्था दुरुस्त कराए। उधर, भाजपा विधायकों में पांच महीने के सरकार के कार्यकाल में ही असंतोष पनपने लगा है। ज्वालामुखी के विधायक रमेश ध्वाला कह रहे हैं कि प्रशासन व अधिकारी उनकी सुनते नहीं हैं। कर्नल इंद्र सिंह कहते हैं कि अगर एयरपोर्ट उनके हल्के में नहीं बना तो वह धरने पर बैठेंगे। इससे खुद अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की अंदरूनी स्थिति क्या है।

 

Related Posts

Next Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!