Kahbron wala
कांगड़ा जिले के बैजनाथ उपमंडल से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां एक दंपति ने खांसी की दवा समझकर गलती से घास जलाने वाली खरपतवार नाशक दवा का सेवन कर लिया. इस हादसे में पत्नी की मौत हो गई, जबकि पति अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. पति की हालत गंभीर बनी हुई है.
पूरा मामला मामला बैजनाथ थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले टिकरी डूहकी गांव का है. परिजनों के अनुसार, बैजनाथ थाना पुलिस के अनुसार 32 वर्षीय प्रियंका और उसके 35 वर्षीय पति गुरमुख घर पर थे. दोपहर के समय प्रियंका ने खांसी की दवा समझकर एक बोतल से तरल पदार्थ पी लिया. दवाई का स्वाद कड़वा लगने पर उसने यह बात अपने पति गुरमुख को बताई. इस पर गुरमुख ने भी उसी बोतल से दवाई पी ली. कुछ देर बाद दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी. दोनों की तेजी से बिगड़ती तबीयत देख परिवार के सदस्य घबरा गए और फौरन उन्हें स्थानीय अस्पताल ले गए. डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. जहां, इलाज के दौरान प्रियंका ने दम तोड़ दिया, जबकि गुरमुख की हालत अब भी नाजुक बताई जा रही है.
पुलिस कर रही हर पहलू की जांच
थाना प्रभारी यदेश ठाकुर ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि, “पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है. पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह केवल एक हादसा था या दंपति ने खुदकुशी की नीयत से जानबूझकर जहरीली दवा का सेवन किया. इसके अलावा पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि खांसी की दवाई की बोतल में यह खतरनाक खरपतवारनाशक किसने और क्यों डाला था.”
क्यों इतना जानलेवा है खरपतवार नाशक दवा?
“खरपतवार नाशक रसायन एक बेहद शक्तिशाली रसायन है, जिसका इस्तेमाल किसान खेतों में अनचाही घास और पौधों को जलाने के लिए करते हैं. इंसान के शरीर में जाने पर यह तुरंत अपना असर दिखाना शुरू कर देता है. यह सीधे नर्वस सिस्टम पर हमला करता है, जिससे कुछ ही समय में किडनी, लिवर और हार्ट फेल हो जाते हैं. यह पाचन तंत्र को भी पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जिससे व्यक्ति की मौत लगभग निश्चित हो जाती है.”- डॉ. आर. एस. राणा, सेवानिवृत्त पूर्व CMO कांगड़ा