पांवटा साहिब के रामपुर घाट में खनन विभाग के भ्रष्ट इंस्पेक्टर और गार्ड द्वारा भ्रष्टाचार के छींटों को साफ करने के लिए एक दो ट्रैक्टर चालकों के चालान किए जा रहे हैं जबकि क्रेशरों पर पड़े लाखों टन अवैध रेत बजरी मैटेरियल पर खनन विभाग के कर्मचारियों ने पट्टी बांध ली है।
पांवटा साहिब के रामपुर घाट में लगातार यमुना नदी में मशीनों द्वारा अवैध खनन किया जा रहा है इस अवैध खनन के सबसे बड़े सूत्रधार यहां चल रहे कईं क्रेशर हैं जो अवैध तरीके से खनन संपदा को खरीद भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। वही संबंधित खनन कर्मचारी पूरी तरह से आंख मिचकर इस काम में क्रेशर माफिया का साथ देते दिखाई दे रहे हैं । बताया जा रहा है कि मीडिया में खबरें आने के बाद दो ट्रैक्टर चालकों के चालान बांगरन और रामपुर घाट किए गए हैं जो कि अवैध खनन कर क्रेशरों पर माल डालने के लिए आ रहे थे वही बड़े सवाल यह उठाते हैं की छोटी-छोटी मछलियों के चालान कर केवल खाना पूर्ति की जा रही है जबकि क्रेशरों पर लाखों टन अवैध खनिज संपदा के पहाड़ दिखाई दे रहे हैं लेकिन उन क्रेशरों पर माइनिंग विभाग कर्मचारियों द्वारा कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि माइनिंग विभाग फॉरेस्ट और पुलिस इस पूरे गोरख धंधे में संलिप्त हुए बिना इतना बड़ा कारोबार नहीं चल सकता बताया जा रहा है कि दिन रात यमुना नदी को छलनी किया जा रहा है और जब भी मीडिया में खबरें आती है तो केवल खाना पूर्ति के लिए इक्का-दुक्का ट्रैक्टरों के चालान कर अखबारों में सुर्खियां बटोर ली जाती है।
बताया जा रहा है कि रविवार को भी ट्रैक्टरों के चालान कर उन बड़ी मछलियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है जो इस अवैध खनन को बढ़ावा दे रही है अगर रामपुर घाट में कुछ क्रेशरों की जांच की जाए तो सामने आएगा कि लाखों टन संपदा अवैध तरीके से खरीद कर रेत बजरी बनाई जा रही है।
वही सबसे बड़ी बात आर्थिक संकट से जुड़ रही हिमाचल प्रदेश सरकार को भी हर रोज़ करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जो पैसा टैक्स के रूप में सरकार तक पहुंचना चाहिए वह सीधे माफिया और कर्मचारियों की जेब में जा रहा है ।