गत दिनों एडिशनल सेक्टरी इंडस्ट्री की तरफ से एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया था जिसमें कहा गया था कि सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त क्रेशर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा हल्की सी चूक होने पर भी क्रेशर मालिकों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज की जाएगी जिसको गत दिवस सरकार ने वापस ले लिया है
गत दिनों बनाई गई नीति को लेकर क्रेशर एसोसिएशन सिरमौर हिमाचल प्रदेश क्रेशर वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले मुख्यमंत्री तथा उद्योग मंत्री से भी मिली थी तथा इस आदेश को वापस लेने की गुजारिश की थी जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में क्रेशर एसोसिएशन ने सख्त हो गई थी तथा क्रेशर बंद करने के निर्णय लिए गए थे इसी विषय में आज पावटा साहिब में भी सिरमोर क्रेशर एसोसिएशन की एक मीटिंग का आयोजन हुआ जिसमें सभी क्रेशर को यह आदेश वापस न लिए जाने तक बंद करने का निर्णय लिया गया था परंतु अभी तक सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया है
गौरतलब है कि क्रेशर से निकले मैटेरियल सड़क इंडस्ट्री तथा अन्य कई कार्यों में प्रयोग होता है जिसके बाद हिमाचल प्रदेश सहित भारत के कई राज्यों में निर्माण कार्य रुक जाएंगे तथा सरकार द्वारा बड़े प्रोजेक्ट व विकास कार्य है रुक जाएंगे ऐसे में सरकार बैकफुट पर आ गई है
सिरमौर क्रेशर एसोसिएशन के अध्यक्ष मदन शर्मा ने बताया कि क्रेशर से हजारों लोग तथा परिवार प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए हैं तथा हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है तथा हर वर्ष सरकार को मिलने वाला हजारों करोड रुपए का टैक्स भी सरकार को मिलता है जिसको लेकर सरकार का यह निर्णय महत्वपूर्ण है तथा उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा उद्योग मंत्री विक्रम सिंह का इस तुगलकी निर्णय को वापस लेने के निर्णय को लेकर धन्यवाद किया आज आयोजित बैठक में गुरदीप सिंह ऑफ गैरी , रविंद्र सिंगल मनजीत सिंह अनिल शर्मा गोपाल गुप्ता , गौरव गुप्ता , जगदीश तोमर ,अनिल जैन विशाल अग्रवाल दिनेश ठाकुर अमरपाल सिंह मौजूद थे