छोटी यूनियन की दादागिरी एवं गुण्डागर्दी से पांवटा साहिब के व्यापारी काफी समय से परेशानी झेलने के बाद मरता क्या न करता कि तर्ज पर अब पांवटा पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। वही अपने आपको आंखों का अंधा बताने वाला छोटी यूनियन का प्रधान डीएसपी और एसडीएम से अपनी सेटिंग की बातें व्हाट्सएप पर लिख रहा है लोगों द्वारा कई बार छोटी यूनियन की गुंडागर्दी की शिकायत पुलिस को की गई परंतु पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है
छोटी यूनियन यानि पिकअप, छोटा हाथी, युटिलिटी आदि चैपाया छोटे माल वाहनों की यूनियनों की दादागिरी एवं गुण्डागर्दी से क्षेत्र के व्यापारी एवं लघु उद्योगी काफी समय से परेशान हैं जिसकी शिकायत लोग लगातार प्रशासन से करते आ रहें हैं परन्तु इस समस्या का कोई ठोस समाधान अभी तक नहीं होने से मामला मारपीट-छीनाझपटी तक पंहुचने की नौबत आ गई है। लोगों का कहना है कि माल में कम लागत आने के मद्देनजर उन्होंने अपने निजी प्रयोग के लिए निजी माल वाहन ले रखें हैं लेकिन छोटी यूनियन के लोग क्षेत्र में जगह-जगह अवैध तरीके नाका लगाकर उनके छोटे वाहन रोक लेते हैं, वाहन से माल उतार लेते हैं, वाहन से चाबी निकाल कर कई-कई घंटे तक वाहन को निष्क्रिय करने के अलावा चालक के साथ मारपीट व छीनाझपटी भी करते हैं। जो सरासर गैरकानूनी कृत्य और अन्याय है परन्तु प्रशासन मूक दर्शक बनकर छोटी यूनियन की गुण्डागर्दी का तमाशा देख रहा है।
व्यापारियों का आरोप है कि यूनियन वाले उन्हें मंहगे और मनमाने भाड़े पर यूनियन से वाहन लेने हेतु बाध्य करते हैं और उनके निजी वाहनों को चलने नहीं देते। लोगों का कहना है कि जब उनके पास अपना निजी वाहन निजी कार्य हेतु है तो वे मनमाने किराये पर वाहन क्यों लेगें? आरोप है कि छोटे यूनियम में वर्तमान में करीब 150 से लेकर 200 तक छोटे वाहनों ने अपना ग्रुप बना रखा है अतः इतने अधिक वाहन बढ़ाने से भुखमरी और बेकारी की समस्या यूनियन वालों ने स्वयं उत्पन्न की है यदि लिमिट में वाहन होते तो सभी को काम मिलता और वे गुण्डागर्दी पर उतारू न होते। फिलहाल अब लोग अपनी शिकायतें लेकर पुलिस थाने का रूख कर रहें हैं ताकि छोटी यूनियन की दादागिरी और गुण्डागर्दी पर कानूनी तौर पर अंकुश लगाया जा सके।