मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार दंत चिकित्सकों के पद नियमित आधार पर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरने पर जल्द ही फैसला लेगी, जिससे डेंटल कॉलेजों से परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्रों को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में लाभ होगा। उन्होंने कहा कि शिमला डेंटल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों की सुविधा के लिए एक हॉस्टल बनाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने ये घोषणा मंगलवार सांय शिमला के गेयटी थियेटर में आयोजित शिमला डेंटल कॉलेज के वार्षिक दिवस और पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर की।
समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए जय राम ठाकुर ने कहा कि दंत चिकित्सक को नौकरी के अधिक अवसर प्रदान करने की कोशिश की जाएगी। सरकार चरणबद्ध तरीके से ग्रामीण इलाकों में दंत चिकित्सक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी और सरकार का यह प्रयास लोगों को दांतों से संबंधित गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में दूरगामी सिद्ध होगा और इससे लोगों में दांतों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकरता भी पैदा होगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के ग्रामीण व दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की अधोसंरचना को मजबूत बनाने को प्राथमिकता दे रही है और इसके साथ-साथ डॉक्टरों के रिक्त पद भरने की भी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्रदेश के सभी हिस्सों में काफी स्वास्थ्य संस्थान खुल गए हैं और अब सरकार इन संस्थानों में, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में, आधुनिक उपकरण और पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध करवाने पर जोर दे रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष 20 सीटों के साथ 1994 में शुरू हुआ शिमला डेंटल कॉलेज समय के साथ काफी विकसित हुआ है और इस संस्थान ने दंत शिक्षा के क्षेत्र में विकास के साथ अपनी गति बनाए रखी। यह कॉलेज राज्य के लोगों को दांतों से संबंधित गुणात्मक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रहा है। कॉलेज के छात्र आज देश में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर रहे हैं, जो गर्व का विषय है।उन्होंने कहा कि कॉलेज के छात्रों के लिए छात्रावास बनाने के लिए उपयुक्त भूमि की तलाश की जाएगी, जिन्हें शिमला में रहने के लिए कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जय राम ठाकुर ने छात्रों से नशे को दूर करने में सरकार की मदद करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि छात्र इलाज करवाने वाले व्यक्तियों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दें। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रदेश के डॉक्टर एम्स नई दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे प्रमुख संस्थानों में निदेशक के पद पर काम कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से शिमला डेंटल कॉलेज के छात्रों के लिए छात्रावास बनाने की मांग की।
शिमला डेंटल कॉलेज के प्रिंसीपस डॉ. आशु गुप्ता ने कॉलेज की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसकी वहां उपस्थित लोगों ने काफी प्रशंसा की।
मुख्यमंत्री ने कॉलेज की वार्षिक स्मारिका का विमोचन भी किया और शैक्षणिक उपलब्धियां हासिल करने वाले प्राध्यापकों व छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए।
राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष रमेश धवाला, शिमला नगर निगम की मेयर कुसुम सदरेट, निदेशक मेडिकल एजुकेशन डॉ. अशोक शर्मा, निदेशक डेंटल हेल्थ सर्विस डॉ. अजय चौहान, आईजीएमसी शिमला के प्रधानाचार्य डॉ. आर.सी. शर्मा सहित छात्र व प्राध्यापक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।