VIDEO नाहन : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने डीसी सिरमौर को लगाई लताड़ बोले डीसी सिरमौर डरपोक

कांग्रेस के स्टार प्रचार एवं पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने नाहन के ऐतिहासिक बड़ा चौक बाजार में कांग्रेस प्रत्याशी धनीराम शांडिल के पक्ष में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सहित नौकरशाही पर पर भी जमकर निशाने साधे। 12 मई के लिए चौगान मैदान नाहन को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली के लिए बुक करने पर पूर्व मुख्यमंत्री नौकरशाही से नाराज दिखे।

उन्होंने डीसी सिरमौर को भी लताड़ लगाई और कहा कि डीसी सिरमौर डरपोक हैं। सरकारें आती जाती रहती हैं। वक्त आने पर इसका हिसाब किताब होगा। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सिरमौर जिला प्रशासन पर हैरान हॅू कि एक सप्ताह से मैदान एक व्यक्ति के लिए बुक कर दिया है। मुझे सिरमौर का डीसी डरपोक लगता है। कही अतिम शाह के नाम ही नहीं कर दे चौगान मैदान। कर्मचारियों को अपनी इज्जत और मान सम्मान को बनाए रखना चाहिए।

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हमारे समय में रातों-रात मैदान खाली हो जाते थे और अगले ही दिन मैदान अगले कार्यक्रम करने वालों को दे दिए जाते थे। भाजपा के पदाधिकारी व मंत्री कर्मचारियों व अधिकारियों को डरा रहे हैं। जिससे हिमाचल का प्रशासनिक अमला पंगु हो गया है। मैंने कभी किसी कर्मचारी या अधिकारी को नहीं डराया है। मगर जिस ने गलत काम किया, उस कर्मचारी की छुट्टी ही की।गौरतलब है कि चौगान मैदान पर टैंट लगाने का कार्य चल रहा है।

पिछले कई दिन से ये कार्य जारी है। लिहाजा, पूर्व मुख्यमंत्री को बाजार के बीचोंबीच बड़ा चौक में जनसभा को संबोधित करना पड़ा।  मंच से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री तंज कसते हुए कहा कि जयराम ठाकुर कहते हैं कि वीरभद्र सिंह ने इस तरह से स्कूल खोले, जैसे रेवडिय़ां बांटी जाती है। इससे जयराम ठाकुर को क्या तकलीफ हैं। मैंने रेवडिय़ां बांटी, दर्द जयराम ठाकुर को क्यों हो रहा है। वीरभद्र सिंह ने वर्तमान मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा कि जयराम ठाकुर मत भूलें कि जब वह विधायक थे और वो मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उनके हल्के में भी कितने स्कूल खोले हैं। उन्होंने कोई भेदभाव नहीं किया।

वीरभद्र सिंह ने कहा कि भाजपा के शासन में यह भेदभाव देखने को मिलता है कि यह कांग्रेस का हल्का है और यह भाजपा का। जहां जरूरत समझी, वहां पर हमने स्कूल खोले। शिक्षा पर राजनीति ठीक नहीं है। शिक्षा ऐसी चीज है, जितने शैक्षणिक संस्थान खोला उतना कम है। मुख्यमंत्री का प्रथम कत्र्तव्य है कि अ हो या खा हो, जनता की जो आवश्यक मांगे हैं, वो उसे माने और मैंने ऐसा ही किया है। बदले की राजनीति नहीं की जानी चाहिए। जो काम करेंगे, उसे जनता याद रखेगी और जो काम बंद करोगे, उसके लिए जनता आपको कोसेगी।

 

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