लोहे की रॉड से पीट टॉयलेट सीट पर पटक बाथरूम में कर दिया था बंद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन की अदालत ने सुनाया अहम फैसला
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नाहन गौरव महाजन की अदालत ने गोद ली हुई बेटी को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतारने वाली आरोपी मां को दोषी करार दिया है. दोषी महिला ने अपनी बेटी को लोहे की रॉड से पीट टॉयलेट सीट पर पटक बाथरूम में बंद कर दिया था, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. अदालत ने वर्ष 2020 के इस मामले में आज अहम फैसला सुनाया है.
अदालत ने दोषी अरुणा चौहान को आईपीसी की धारा 302 के तहत कठोर आजीवन कारावास और 1 लाख रुपए जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 1 साल के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतान करनी होगी. इसके अलावा अदालत ने दोषी को आईपीसी की धारा 182 के तहत 6 माह के कठोर कारावास और 1000 रुपए जुर्माना अदा करने के आदेश भी दिए हैं. ये जुर्माना राशि अदा न करने की सूरत में दोषी महिला को 2 महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. अदालत में इस मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी (डिप्टी डीए) रश्मि शर्मा ने की.
डिप्टी डीए ने कहा, यह मामला 2 नवंबर 2020 को सामने आया था. रात करीब साढ़े 9 बजे आरोपी अरुणा चौहान ने अपनी बेटी को बाथरूम में लोहे की रॉड से पीटा और उसे टॉयलेट सीट पर पटक दिया. इससे बेटी को काफी चोटें आई. इसके बाद आरोपी ने बेटी को बाथरूम में बंद कर दिया. अगले दिन यानी 3 नवंबर को आरोपी अपनी बेटी को अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. इस पर पुलिस थाना पुरुवाला में आरोपी अरुणा चौहान के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या और धारा 182 के तहत केस दर्ज किया गया. एसएचओ/इंस्पेक्टर विजय कुमार द्वारा इस मामले की जांच की गई. जांच के बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया गया.
डिप्टी डीए ने बताया, “इस मामले में अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से 26 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए. अभियोजन पक्ष की तरफ से रिकॉर्ड पर लाए गए साक्ष्यों और तमाम दलीलों के आधार पर अदालत ने आरोपी अरुणा चौहान को दोषी ठहराया और कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई”.