हिमाचल प्रदेश गत सांय उस समय ऐतिहासिक पलों का साक्षी बना जब नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में हिमाचल प्रदेश में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को सफल बनाने के उद्देश्य से लगभग 50 देशों के राजनयिकों को राज्य में निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया और उनसे आग्रह किया गया कि वे अपने-अपने देश के उद्यमियों, निवेशकों तथा व्यापार संघों को हिमाचल में अपनी पसंद के क्षेत्र में प्राथमिकता के आधार पर निवेश करने के लिए प्रेरित व सहयोग करें।
इस अवसर पर विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरण ने कहा कि धर्मशाला में 7 व 8 नवंबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में पूरे विश्व के निवेशकों व व्यापार संघों को आमंत्रित किया जाना राज्य सरकार की एक अनूठी व अनुकरणीय पहल है और विदेश मंत्रालय इसमें फैसिलिटेटर की भूमिका निभाएगा। उन्होंने हिमाचल की आर्थिकी को समृद्ध करने और इसे देश-विदेश के निवेशकों का पसंदीदा निवेश स्थल बनाने बारे मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के विजन व राज्य सरकार की नीतियां की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है और केंद्र सरकार ने मेक-इन इंडिया व स्टार्टअप-इंडिया जैसे कार्यक्रम शुरू करके देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूती प्रदान करने की कारगर पहल की है।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण ने कहा कि वर्षों से नीति-निमार्ता इस विषय पर चर्चा करते रहे हैं कि भारत में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को कैसे तीव्र करते हुए भारत को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जाए लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मेक इन इंडिया’ अभियान का श्रीगणेश करके यह काम कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य निवेश को सुविधाजनक बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना, कौशल विकास में वृद्धि करना, बौद्धिक संपदा को सुरक्षा देना तथा सर्वोत्तम श्रेणी का मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्मित करना है।
उन्होंने कहा धौलाधार कि नयनाभिराम पर्वत श्रृंखलाओं से घिरे धर्मशाला नगर में वैश्विक इन्वेस्टर मीट आयोजित होने से राज्य में पर्यटन को भी नए पंख लगेंगे, विश्व भर से आए लोग हिमाचल प्रदेश की गौरवपूर्ण संस्कृति व परंपराओं से भी साक्षात्कार कर पाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास रंग लाएंगे और हिमाचल प्रदेश वैश्विक निवेश गंतव्य के तौर पर दुनिया के मानचित्र पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित होने वाली प्रथम ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच को मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा प्राकृतिक सौंदर्य व प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध हिमाचल में बेहतर अधोसंरचना, निवेश मैत्री माहौल, शांत वातावरण और सरकार की उदार नीतियां संभावित निवेशकों तथा प्रदेश के लोगों के लिए कल्याणकारी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा प्रदेश को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाने के प्रयासों में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सोच से प्रेरणा ले रही है जिन्होंने भारत की आर्थिकी को वर्ष 2024 तक 5 खरब डालर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर अधोसंरचना सुनिश्चित की गई है। प्रदेश में शत-प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा आधार पर अतिरिक्त ऊर्जा उपलब्ध है। प्रदेश में राज्य के सभी भागों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय तथा राज्य उच्च मार्गों का व्यापक नेटवर्क है। उन्होंने कहा दूरदर्शी नीतियों व योजनाओं को प्रभावी तरीके से अमलीजामा पहुंचाने के कारण हिमाचल विकास के ऐसे स्थान पर पहुंच चुका है, जहां से हम और अधिक ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं तथा वैश्विक निवेश आकर्षित करने के लिए देश के सभी राज्यों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
आज के इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रयासों प्रयासों की सराहना करते हुए, उन्होंने कहा कि विदेश राज्य मंत्री का इस अवसर पर उपस्थित होना हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित विभिन्न देशों के राजनयिकों से आग्रह किया कि वे हिमाचल प्रदेश को वैश्विक निवेश स्थल बनाने के राज्य सरकार के प्रयासों में अपनी सहभागिता निभाते हुए अपने देशों के उद्यमियों तक राज्य सरकार के संदेश को पहुंचाएं ताकि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट को ऐतिहासिक सम्मेलन बनाया जा सके।
इस अवसर पर प्रदेश के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश में फार्मास्यूटिकल, एफएमसीजी, खाद्य प्रसंस्करण, इंजीनियरिंग उत्पाद, ऑटोमोबाइल, सीमेंट, कपड़ा इत्यादि क्षेत्रों में ग्लोबल ब्रांड कार्य कर रहे हैं। प्रदेश में विनिर्माण आर्थिक की स्थापित करने में सराहनीय प्रगति की है। प्रदेश में 50 हजार से भी ज्यादा विनिर्माण इकाइयां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं जिससे लगभग 5 लाख लोगों को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक संभावित निवेशकों तथा उद्यमियों को निराश नहीं होना पड़ेगा और प्रदेश सरकार उन्हें पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल ने सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में निवेश की संभावनाओं के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार ने राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को दिए जा रहे प्रोत्साहनों की जानकारी दी।
इस अवसर पर मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा, कांगड़ा के सांसद किशन कपूर, शिमला के सांसद सुरेश कश्यप, विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव टी.एस. त्रिमूर्ति, अतिरिक्त मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू व मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विनय सिंह सहित राज्य व केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर आयोजित रात्रि भोज में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए और उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर मीट आयोजित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राज्य सरकार को इस ग्लोबल इंवेस्टर मीट को सफल बनाने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का भी आश्वासन दिया।