(जसवीर सिंह हंस ) सिरमौर जिला में धार्मिक पर्यटन की अपार क्षमता विद्यमान है तथा जिला को धार्मिक पर्यटन सर्कट के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा तथा इस संबध में प्रदेश सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से मामला उठाया जाएगा ताकि जिला में पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सके ।
यह उदगार उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने आज नाहन स्थित दशमेश अस्थान में गुरूद्वारा प्रबन्धक समिति के पदाधिकारियों एवं उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । इससे पहले उन्होने गुरूद्वारा में शीश नवाया ।
उन्होने कहा कि यह गौरव का विषय है कि दसवें गुरू गोविन्द सिंह जी द्वारा सिरमौर के विभिन्न स्थलों का दौरा करके लोगों को सदभावना, प्रेम और देश भक्ति का पाठ पढ़ाया ।
उन्होने कहा कि सिरमौर जिला के पांवटा साहिब, भंगानी, तीरगढ़ी, नाहन और बडूसाहिब में ऐतिहासिक गुरूद्वारो के अतिरिक्त श्रीरेणुका झील व भगवान परशुराम मंदिर, माता बाला सुन्दरी सिद्धपीठ त्रिलोकपुर, भगायणी मंदिर हरिपुरधार इत्यादि अनेक धार्मिक स्थल है जोकि कालांतर से लोगों की आस्था व श्रद्धा के केंद्र बने हुए है । उन्होने कहा कि जिला के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलो को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता है जिसके लिए भरपूर प्रयास किए जाएगें ।
उपायुक्त ने कहा कि यह गौरव का विषय है कि दसवें गुरू गोविन्द सिंह जी 30 अपै्रल, 1685 को नाहन आए और यहां पर आठ महीने 10 दिन व्यतीत किए । इस दौरन उनके द्वारा दो रियासतों सिरमौर और फतेहशाह टिहरी के मध्य वर्षो से चल रहे विवाद को आपसी समझौता से सुलझाया गया था । उन्होने कहा कि गुरूद्वारा प्रबन्धक समिति 30 अप्रैल को मनाए जाने वाले मेले के प्रबन्धन में प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग किया जाएगा ताकि अन्य राज्यों से लोग यहां आकर मेले का आन्नद ले सके ।
इससे पहले दशमेश अस्थान गुरूद्वारा प्रबन्धक समिति के अध्यक्ष अमृत शाह ने उपायुक्त एवं उनके साथ आए अन्य अधिकारियों का स्वागत किया तथा सरोपे भेंट किए गए । इस मौके पर गुरूद्वारा प्रबन्धन समिति के प्रबन्धक सुरजीत सिंह, रविन्द्र सिंह कलसी, प्रेम पाल सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे । इस मौके पर उपायुक्त सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा लंगर का प्रसाद भी ग्रहण किया गया ।