देश के सबसे ऊंचे मार्ग दिल्ली-लेह पर दौड़ी निगम की बसें , दुनियाभर के लोग कर पाएंगे धरती के स्वर्ग के दर्शन

( धनेश गौतम )  आखिर धरती के स्वर्ग की सैर आसान हो गई है। धरती पर स्वर्ग के दर्शन के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम ने भी अपने दरवाजे खोल दिए हैं। हिमाचल पर्यटन निगम ने देश के सबसे ऊंचे दिल्ली-लेह मार्ग पर बस सेवा शुरू कर दी है। बुधवार से दिल्ली-लेह बस चलना शुरू हो गई है और लेह जाने वाले यात्रियों में खुशी का माहौल है।

उपायुक्त लाहुल स्पीति अश्वनी चौधरी ने जिला मुख्यालय केलांग से बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान उनके साथ एसपी राजेश धर्माणी व आरएम मंगल चंद मनेपा भी उपस्थित रहे। इस दौरान बस में सवार सवारियों को लाहुली परंपरा खतक पहनाकर रवाना किया। गुरूवार को लेह से दिल्ली के लिए सबसे लंबे रूट की बस चलेगी।

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लिहाजा,देश के सबसे ऊंचे दिल्ली-लेह मार्ग पर बसों के दौडऩे से अब दुनियाभर के लोग धरती पर बसे स्वर्ग लेह-लद्दाख के दर्शन आसानी से कर पाएंगे। विश्व प्रसिद्ध मनाली-लेह लदख के पर्यटन स्थलों को निहारने के लिए देश-विदेश के सैलानियों को अब टैक्सियों के चक्कर में नहीं पडऩा होगा। इसके अलावा अन्य यात्रियों को टैक्सियों में भरकम किराया नहीं देना पड़ेगा।

गौर रहे कि बर्फबारी होने के चलते यह मार्ग सात माह तक बंद रहता है। देश दुनिया के लोग मात्र चार पांच माह ही इस हसीन सफर में जा पाते हैं। लेह मार्ग बर्फ ज्यादा तथा संकरा मार्ग होने के चलते बसें चलानी जोखिम भरी होती है। बीआरओ ने मार्ग को चौड़ा कर दिया है और कहीं ज्यादा बर्फ हैं वहां पर बीआरओ की टीम मशीनरियों सहित मार्ग से बर्फ हटाने तथा चौड़ा करने में जुटी रहेगी। हालांकि इन दिनों भरकम किराया देकर मनाली और लाहुल से केलांग की तरफ टैक्सियों में जाने को मजबूर हैं और लेह जाने वाले अधिकतर यात्री काफी लंबे समय से बस सेवा शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।

लिहाजा, जोखिम भरी कठिनाइयों के बीच जंग लड़कर बीआरओ के जवानों ने मार्ग को बसों की आवाजाही के लिए बहाल किया है। 15 सितंबर 2017 को ये बस सेवा बारालाचा दर्रा व अन्य दर्रा बंद होने के कारण बंद कर दी गई थी। दिल्ली-मनाली-लेह रूट पर चलने वाली एचआरटीसी की बस सेवा साल 2008 में शुरू हुई थी। यह रूट देश का सबसे ऊंचा बस रूट है। दिल्ली से लेह की दूरी 1074 किलोमीटर है। एचआरटीसी ने इसके लिए 1399 रुपए किराया निर्धारित किया है।

दिल्ली से लेह तक पहुंचने में कुल 36 घंटे लगते हैं, लेकिन समय अवधि बढ़ भी सकती है। सफर के दौरान 3 ड्राइवर और 2 कंडक्टर बदले जाते हैं। दिल्ली के बाद सुंदरनगर और फिर केलांग में ड्राइवर बदल जाएंगे। केलांग में बस रात भर रुकेगी और फिर यहां से सुबह लेह के लिए रवाना होगी। दिल्ली से लेह तक चलने वाली ये बस सेवा लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज है। जिस रूट पर अभी दिल्ली से लेह जाया जाता है। इस रूट का इस्तेमाल कारगिल युद्ध के दौरान सेना ने हथियार और खाद्य सामग्री पहुंचाने के लिए किया था।

लेह का यह सफर रोमांच भरा रहता है। इस मार्ग पर दुनिया के सबसे ऊंचे चार दर्रों को पार करके जाया जाता है। दिल्ली से लेह तक सफर  में यह बस रोहतांग पास 13050 फुट, बारालाचा दर्रा 16043 फुट,  तंगलांगला दर्रा 17,100 फुट और लांचूगला पास 16598 फुट से गुजरेगी। यह बस केलांग, पटसेउ, जिंगजिंग बार, 21 लूप्स, व्हिस्की  नाला और सूरजताल से होते हुए कई सुंदर स्थलों से होकर गुजरेगी।

आरएम केलांग  मंगल चंद मनेपा  का कहना है कि देश के सबसे ऊंचे दिल्ली लेह मार्ग पर बस सेवा शुरू कर दी है। बुधवार को उपायुक्त लाहुल स्पीति ने हरी झंडी दिखाकर दिल्ली लेह बस सेवा शुरू की।

 

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