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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से एक बड़ी खबर सामने आई है। हमीरपुर जिला में एक परिवार पर उस समय दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, जब घर में दिवाली के दिन पूजा की तैयारी की जा रही थी। इसी दौरान आए एक फोन ने परिवार की सारी खुशियों को मातम में बदल दिया। सूचना मिली कि आपका बेटा जो भारतीय सेना का जवान है की मौत हो गई है।
खबर को सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया। दिवाली की तैयारियां धरी की धरी रह गई। मामला हमीरपुर जिला की ग्राम पंचायत देई का नौण के गांव पनियाला का है।
दिवाली की शाम मिली मौत की खबर
दिवाली के दिन हिमाचल प्रदेश ने अपना एक जवान खो दिया। हमीरपुर जिला के पनियाला गांव के सुशील कुमार की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई है। 38 वर्षीय सुशील कुमार सेना में 13 रेजीमेंट में बतौर नाइक अपनी सेवाएं दे रहा था। सुशील कुमार की पोस्टिंग सहजाबाद में थी। यहीं पर ड्यूटी के दौरान अचानक उन्हें चक्कर आ गया और उनकी मौत हो गई। सुबह करीब चार बजे की घटना है। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत बिगड़ने पर कमांड अस्पताल रेफर किया गया। तमाम कोशिशों के बावजूद सोमवार शाम सात बजे सुशील कुमार ने दम तोड़ दिया।
दिवाली का त्योहार हर घर में रौनक लेकर आता है, लेकिन सुशील कुमार के घर यह त्योहार मातम में बदल गया। जिस घर में बेटे.बेटी को नए कपड़े पहनाकर दीयों की सजावट होनी थी, वहां अब शव यात्रा की तैयारियां हो रही हैं। परिवार को जैसे ही सुशील कुमार की मौत की खबर मिली, पत्नी बेसुध हो गईं। बेटा अभी आठवीं कक्षा में और बेटी छठी कक्षा में पढ़ रही है। दोनों की आंखें इस उम्मीद में दरवाजे की ओर टिकी हैं कि शायद पापा लौट आएं। लेकिन अब वो सिर्फ तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर बनकर ही लौटेंगे।
जवाना के भाई तिलक कुमार ने बताया कि सुशील कुछ दिन पहले ही छुट्टियों पर घर आया था। किसी को यह एहसास नहीं था कि यह उनकी आखिरी मुलाकात होगी। दुख की बात यह है कि उनकी मां को गुजरे अभी दस साल भी नहीं हु, और अब परिवार ने एक और सदस्य को खो दिया है।
तिलक ने बताया कि सुशील कुमार के घर में वह अकेला कमाने वाला था। लेकिन अब उनकी मौत के बाद भाई की पत्नी के कंधों पर दो बच्चों की परवरिश की पूरी जिम्मेदारी आ गई है। गांव और आसपास के लोग घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं, लेकिन इस असमय बिछड़ने की पीड़ा को शब्द नहीं दे पा रहे।
पार्थिव शरीर बुधवार को पहुंचेगा गांव
सूत्रों के अनुसार सुशील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर 12 बजे तक उनके पैतृक गांव पहुंचेगा। पार्थिव शरीर को पहले लखनऊ से चंडीगढ़ एयरलिफ्ट किया जाएगा, जिसके बाद एम्बुलेंस के माध्यम से हमीरपुर लाया जाएगा। गांव में जवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना है।
सुशील कुमार 2008 में भारतीय सेना की 13 डोगरा रेजीमेंट में भर्ती हुए थे और तभी से वे सेना में पूरी निष्ठा और समर्पण से सेवा कर रहे थे। उन्हें कभी किसी गंभीर बीमारी की शिकायत नहीं थी। ड्यूटी के दौरान आई अचानक तबीयत बिगड़ने से उनका जाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र और देश के लिए अक्षय क्षति है।