8 छात्राओं योन शोषण करने के मामले में आरोपी शिक्षक राज कुमार पुत्र धर्म चंद निवासी भटियात चम्बा को स्पेशल जज ( सत्र न्यायाधीश ) राजेश तोमर की अदालत ने दोषी करार दिया है। दोषी विरेंद्र सिंह को चार अलग-अलग धाराओं के तहत उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई गई है। दोषी को पोस्को अधिनियम की धारा 6 के तहत उम्रकैद की सजा व पचास हजार रुपये जुर्माना किया गया है । जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे एक साल की कैद और भुगतनी होगी। दोषी को पोस्को अधिनियम की धारा 12 के तहत तीन साल की सजा व बीस हजार रुपये जुर्माना किया गया है । जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे तीन महीने की कैद और भुगतनी होगी।
दोषी को आई पी सी की धारा 376 (2) ( F) के तहत तहत उम्रकैद की सजा व पचास हजार रुपये जुर्माना किया गया है । जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे एक साल की कैद और भुगतनी होगी। जबकि अन्य धाराओं में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए के तहत तीन साल की का कठिन कारावास व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे तीन महीने की कैद और भुगतनी होगी।व भादसं की धारा 506 के तहत सात साल की कैद व पच्चीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे तीन महीने की कैद और भुगतनी होगी। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
वही पूर्व केंद्रीय मुख्य शिक्षक सरदार सिंह पुत्र ज्ञान सिंह निवासी भटियात चम्बा को दुष्कर्म के आरोपी अध्यापक का साथ देने व मामले को दबाने पर पोस्को अधिनियम की धारा 21 (2) के तहत एक साल की सजा सुनाई गयी है व दस हजार रुपये जुर्माना किया गया है । जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे तीन महीने की कैद और भुगतनी होगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 202 के तहत 6 महीने का कठिन कारावास व पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे तीन महीने की कैद और भुगतनी होगी।
चम्बा के एक सरकारी स्कूल में छात्राओं योन शोषण करने के मामले में आरोपी शिक्षक के खिलाफ 15 अक्तूबर 2015 मामला दर्ज हुआ था | पुलिस ने स्कूल में करीब आठ छात्राओं से पूछताछ की, जिसमें उन्होंने उक्त शिक्षक द्वारा शारीरिक शोषण करने की बात कही थी । उक्त अध्यापक लंबे समय से छात्राओं का शोषण कर रहा था। आरोपी शिक्षक छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के अलावा उन्हें प्रताड़ित भी करता था
पूर्व केंद्रीय मुख्य शिक्षक पर दुष्कर्म के आरोपी अध्यापक का साथ देने व मामले को दबाने का आरोप था । उन पर आरोप है कि पहले भी एक बार यह मामला उजागर हुआ था, लेकिन केंद्रीय मुख्य शिक्षक की चालाकी के कारण मामले को दबा दिया गया था। उसने मामले में समझौता करवाकर पीड़ित बच्चियों से अन्याय किया था। इस दौरान केंद्रीय मुख्य अध्यापक ने मामले की न तो पुलिस में एफआइआर दर्ज करवाई और न ही इस मामले में उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया। दुष्कर्म करने वाले अध्यापक का अन्य अध्यापक द्वारा साथ देना कहीं न कहीं उनकी मिलीभगत की ओर भी इशारा कर रहा था ।
पुलिस ने अभिभावकों की शिकायत के आधार पर योन शोषण के आरोपी शिक्षक व शारीरिक शोषण व दुष्कर्म मामले में समझौता करवाने वाले पूर्व केंद्रीय मुख्य शिक्षक के खिलाफ पोस्को व आई पी सी की विभिन्न धारा के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था व पुलिस ने जांच के बाद दोनों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया और न्यायालय ने विरेंद्र सिंह को उसके दोष के लिए शुक्रवार को सजा सुना दी। सरकार की और से इस केस की पैरवी जिला न्यायावादी कवर उदय सिंह ने की है।