हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने एक बड़ी और सख़्त कार्रवाई करते हुए एक फार्मा कंपनी गांव काठा पर नकली और घटिया दवाइयों के निर्माण तथा बिक्री के आरोप में छापा मारा है। कार्रवाई का नेतृत्व ड्रग्स कंट्रोलर मनिष कपूर ने किया, जबकि टीम में मुख्य तौर पर ड्रग इंस्पेक्टर सुरेश चौहान और विकास ठाकुर शामिल रहे।
राजस्थान के राज्य ड्रग्स कंट्रोलर से Levocetirizine Tablets (Wincet-L) और फर्म की अन्य दवाइयों के Not of Standard Quality पाए जाने की सूचना के बाद 1 नवंबर 2025 को अचानक निरीक्षण किया गया। जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी 29 मार्च 2025 को जारी Stop Manufacturing Order के बावजूद गुपचुप तरीके से उत्पादन कर रही थी।
छापेमारी में बड़ी मात्रा में टैबलेट, कैप्सूल, पैकिंग सामग्री और स्टीरियो प्लेट्स जब्त की गईं जिन्हें Form-16 पर सील किया गया। कंपनी बैच मैन्युफैक्चरिंग रिकॉर्ड और टेस्ट एंड एनालिसिस रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं कर पाई, जो गंभीर कानूनी उल्लंघन है।
जांच आगे बढ़ी तो और भी चौंकाने वाला खुलासा हुआ—Pregabalin Capsules (Pregabaryl-300) के पैक पर सिक्किम की एक गैर-मौजूद फर्म का नाम प्रिंट किया गया था, जिससे स्प्यूरियस (नकली) ड्रग्स की मौजूदगी की पुष्टि हो गई।
कड़े कानूनी प्रावधानों के तहत फर्म के पार्टनर अखिलेश कुमार को आज शाम 7 बजे गिरफ्तार किया गया है। उन पर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धाराओं 18(a)(i), 17-B, 36-AC के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनकी सज़ा सेक्शन 27(c) के तहत होती है।
आरोपी को आज ACJM नालागढ़ की अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के पुलिस रिमांड (19 नवंबर 2025 तक) पर भेज दिया गया है।ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा कि जनता की सुरक्षा के लिए नकली दवा माफिया के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी, ताकि बाजार में केवल सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाइयां ही उपलब्ध हों।









