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हिमाचल प्रदेश पुलिस को नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। कांगड़ा जिला के इंदौरा क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नशे के अवैध कारोबार का पर्दाफाश किया है। पुलिस जांच में सामने आया कि यहां एक लैबोरेटरी की आड़ में नशे का सौदा चल रहा था।
गुप्त सूचना पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई
इंदौरा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर आशीष पठानिया ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि इलाके में एक लैब की आड़ में नशीले पदार्थों की तस्करी की जा रही है। इस जानकारी के आधार पर एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने तुरंत दबिश देकर मौके से हेरोइन बरामद की।
पुलिस ने छापेमारी के दौरान दो आरोपियों को दबोचा। उनकी पहचान बोध राज (40) पुत्र गिरधारी लाल और सुमित सिंह (30) पुत्र नरेंद्र सिंह, दोनों निवासी गांव व डाकघर डाह, तहसील इंदौरा, के रूप में हुई है।
SDPO इंदौरा संजीव कुमार यादव ने मामले की पुष्टि की है। पुलिस ने दोनों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में नशा माफिया पर शिकंजा कसने के लिए अभियान और तेज किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि आरोपियों के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। मामले से जुड़े किसी भी आरोपी को बक्शा नहीं जाएगा। पुलिस टीम हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है। उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ में किसी बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकता है। साथ ही और भी कई लोगों की गिरफ्तारियों हो सकती हैं।
विदित रहे कि, हिमाचल में नशा तस्करी की जड़ें दिन-ब-दिन और गहरी होती जा रही हैं। पहाड़ी क्षेत्रों की शांत वादियों के बीच अब नशे का काला कारोबार पनप रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। पुलिस की तमाम कोशिशों और जागरूकता अभियानों के बावजूद नशे के सौदागर नए-नए रास्तों से अपना जाल फैला रहे हैं।
चरस, हेरोइन, अफीम और सिंथेटिक ड्रग्स की तस्करी खासकर कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और शिमला जैसे जिलों में बढ़ती जा रही है। सबसे चिंता की बात यह है कि इसमें स्कूल-कॉलेज के छात्र भी शिकार बनते जा रहे हैं। कई मामलों में तो स्थानीय लोग ही तस्करी में संलिप्त पाए गए हैं, जिससे समाज में अविश्वास और असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है। हालांकि, पुलिस टीम नशा तस्करों को लेकर काफी चौकना है। पुलिस टीम द्वारा समय-समय पर छापेमारी कर गिरफ्तारियां की जा रही हैं।