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त्योहारी सीजन में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश पुलिस ने एक बड़ा और सख्त अभियान शुरू करने का फैसला किया है। अब शराब पीकर गाड़ी चलाने (ड्रिंक एंड ड्राइव) वालों की खैर नहीं होगी। उन्हें न केवल भारी जुर्माना भरना पड़ेगा, बल्कि जेल की सज़ा भी हो सकती है।
ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ विशेष अभियान
पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) ने राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में विशेष निर्देश जारी किए हैं। यह अभियान सख्ती से लागू किया जाएगा, क्योंकि त्योहारों के दौरान नशे में ड्राइविंग के कारण सड़क हादसों में अचानक बढ़ोतरी हो जाती है।
अभियान का समय: शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक।
जाँच: इस दौरान व्यस्त शहरी क्षेत्रों, मुख्य बाजारों और हाइवे पर विशेष नाके लगाए जाएंगे।
तरीका: हर संदिग्ध वाहन चालक की जाँच एल्कोसेंसर और अन्य उपकरणों से की जाएगी।
पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ड्रिंक एंड ड्राइव में दोषी पाए जाने पर चालक को निम्नलिखित सज़ाएं हो सकती हैं:
जुर्माना: 10,000 रुपये तक का चालान।
जेल: छह माह तक की कैद।
या दोनों सज़ाएं।
पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को पर्याप्त संख्या में एल्कोसेंसर उपलब्ध कराए हैं ताकि जाँच में कोई कमी न रहे।
पुलिस से उलझने पर: यदि नशे की हालत में कोई व्यक्ति पुलिस कर्मियों से झगड़ा करता है, तो उसका तुरंत मेडिकल करवाया जाएगा और मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
जागरूकता है मुख्य उद्देश्य
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक, अशोक तिवारी ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान का मुख्य मकसद चालान काटना नहीं है। उनका कहना है कि इसका असली उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। नशे में गाड़ी चलाना केवल चालक के लिए ही नहीं, बल्कि सड़क पर चल रहे हर व्यक्ति के लिए जानलेवा खतरा पैदा करता है।
उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि वे त्योहारों का मज़ा सुरक्षित तरीके से लें और शराब पीकर वाहन चलाने से पूरी तरह बचें।