सुबह-सुबह नशे में झूमता हेडमास्टर, धक्के खाता पहुंचा स्कूल; हुआ सस्पेंड

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश में आए दिन सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को लेकर कोई ना कोई मुद्दा चर्चा में रहता है। अब ताजा मामले में मंडी जिला से सामने आया है- जहां चच्योट क्षेत्र में शिक्षक पर कड़ी कार्रवाई की गई है।

हेडमास्टर पर गिरी निलंबन की गाज

सरकारी स्कूल में तैनात मुख्य शिक्षक HT को ड्यूटी के दौरान शराब के नशे में पाया गया, जिसके बाद विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ग्रामीणों द्वारा शिक्षक का शराब के नशे में सड़क पर लड़खड़ाते हुए बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विभाग हरकत में आया।

 

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह घटना सुबह के समय की है, जब बच्चे स्कूल आने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों ने देखा कि स्कूल का हेडमास्टर सड़क पर नशे की हालत में झूमता-लड़खड़ाता चल रहा था।

 

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

लोगों ने स्थिति को गंभीर देखते हुए उसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। वीडियो में शिक्षक की हालत स्पष्ट तौर पर नशे में धुत्त दिखाई दे रही है। इस घटना ने अभिभावकों और ग्रामीणों में भारी रोष पैदा कर दिया है।

वीडियो सामने आते ही मामला तत्काल प्रारंभिक शिक्षा विभाग तक पहुंचाया गया। विभाग ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता और शिक्षकीय गरिमा के विपरीत आचरण मानते हुए शिक्षक को सस्पेंड करने का निर्णय लिया।

हेडमास्टर को किया निलंबत

विभागीय आदेश के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान शिक्षक का मुख्यालय खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (BEEO) लडभड़ोल कार्यालय में निर्धारित किया गया है। उन्हें वहां नियमित उपस्थिति दर्ज करवानी होगी। निलंबन के दौरान शिक्षक को विद्यालय से पूर्ण रूप से अलग रखा जाएगा।

प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक हरि चंद ने बताया कि चच्योट क्षेत्र के स्कूल में प्रकाशित वीडियो और शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने तात्कालिक कार्रवाई की है। उन्होंने पुष्टि की कि शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है और पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी यह पता लगाएगी कि शिक्षक कितने समय से ऐसे व्यवहार में लिप्त थे, क्या पहले भी उनके खिलाफ शिकायतें थीं, और घटना के समय उनकी ड्यूटी स्थिति क्या थी।

ग्रामीणों में आक्रोश

घटना के बाद ग्रामीण समुदाय और अभिभावकों में गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि जहां बच्चों को अनुशासन और नैतिकता की शिक्षा देने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होती है, वहीं इस तरह का व्यवहार पूरे शिक्षा तंत्र की छवि धूमिल करता है।

ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी कर्मचारी ड्यूटी समय में इस तरह का गैर-जिम्मेदाराना आचरण न करे।

जांच के बाद आगे की कार्रवाई

विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद शिक्षक के खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई तय की जाएगी। यदि आरोप प्रमाणित होते हैं, तो विभाग सेवा नियमों के तहत कठोर दंड भी दे सकता है।

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