सूखी ठंड का बढ़ा प्रकोप, जनजातीय इलाकों में माइनस पहुंचा पारा

Khabron wala 

बारिश व बर्फबारी न होने के कारण अब राज्य में सूखी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। न केवल न्यूनतम, अपितु अधिकतम तापमान में भी धूप खिलने के बावजूद गिरावट देखी जा रही है। जनजातीय इलाकों में तो न्यूनतम पारा शून्य से नीचे माइनस में चला हुआ है और ऐसे में कई इलाके शीतलहर की चपेट में आ गए हैं। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आगामी 23 नवम्बर तक राज्य में मौसम पूरी तरह से शुष्क व साफ बना रहेगा और ऐसे में बारिश व बर्फबारी के कोई आसार नहीं हैं, जिससे सूखी ठंड और सताएगी। जानकारी के अनुसार लाहौल-स्पीति में नाले-झरनों की ऊपरी परत जमकर बर्फ बन गई है, जबकि प्रमुख झीलों का पानी भी धीरे-धीरे बर्फ की परत से ढक रहा है। लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 5, कुकुमसेरी में माइनस 4.9 डिग्री, समधो में माइनस 0.2 डिग्री और केलांग में माइनस 1 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। इन चार स्थानों पर तापमान लगातार शून्य से नीचे बना हुआ है।

हैरानी की बात यह है कि इस बार मैदानी शहरों की रातें हिल स्टेशन शिमला और कुफरी से ज्यादा ठंडी हो गई हैं। हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा, मंडी और सुंदरनगर में रात का तापमान शिमला की तुलना में कम दर्ज हो रहा है। सोमवार सुबह सुंदरनगर में कोहरा छाया रहा और दृश्यता मात्र 500 मीटर रह गई, जबकि बिलासपुर में दृश्यता 100 मीटर तक गिर गई, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें हुईं। अधिकतम तापमान की बात करें तो सोमवार को ऊना में 26.2 डिग्री, राजधानी शिमला में 20.2 डिग्री रिकार्ड किया गया है। कई जगहों पर धूप खिलने के बावजूद अधिकतम तापमान भी लुढ़कने लगा है, जिससे सुबह-शाम व रात को ठंड बढ़ गई है।

राज्य के हिल स्टेशनों मनाली, शिमला और कुफरी में अभी बर्फ भले नहीं पड़ी है, लेकिन पर्यटकों की आवाजाही बढ़ रही है। मनाली में 3.7 डिग्री और शिमला में 10.2 डिग्री तापमान के बीच ठंड का मजा लेने के लिए पर्यटक ऊनी कपड़ों के साथ पहाड़ों की ओर रुख कर रहे हैं। होटल कारोबारियों को आने वाले दिनों में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है।

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