गोली कांड पर बड़े सवाल खडे हो रहे है शहर में गैंगस्टर पैदा हो रहे हैं बताया जा रहा है कि इन गैंगस्टरों के संबंध अन्य राज्यों के बड़े गैंगस्टर से भी हैं परंतु पुलिस अभी तक इस सारी वारदातों को रोकने में असफल नजर आई है पहली पोस्टिंग पाई आईपीएस अधिकारी अदिति सिंह व्हाट्सएप ग्रुप में लोगो को एड और रिमूव करने का गेम खेल रही है यंग अधिकारी पहली पोस्टिंग प्रकार शायद एक्सपीरियंस अधिकारियों की तरह सच लिखने पर कार्रवाई करने की जगह पत्रकारों को पुलिस पत्रकार ग्रुप में ऐड करने और रिमूव करने का काम सीख रही है ऐसे में सवाल पैदा हो रहा है कि एक आईपीएस अधिकारी को क्या यह सब शोभा देता है कि सच लिखने पर कानूनी व्यवस्था बनाए रखना और पत्रकारों द्वारा उठाए गए सवालों पर कार्रवाई करने की बजाय व्हाट्सएप ग्रुप मे यह सब ड्रामेबाजी करना बताया जा रहा है कि पूर्व में रहे एक डीएसपी को भी व्हाट्सएप ग्रुप से रिमूव कर दिया गया है संहिता लगने पर जगह-जगह पुलिस तैनात होने के दावे पुलिस अधिकारी कर रहे हैं फिर पांवटा साहिब में हथियार कहां से आए है ऐसे मे जनता कैसे सुरक्षित रहेगी विदित है के आचार संहिता लगते ही सभी हथियार थाने में जमा हो जाते हैं फिर आखिर हथियार कहां से आ रहे हैं अवैध हथियारों की तस्करी शहर में हो रही है
तीन राज्यो की सीमा से सटे पांवटा साहिब में बदमाशो के हौसले बुलन्दी पर है। बदमाश सरेआम गोलीकाण्ड जैसी वारदातो को अंजाम देने में किसी भी प्रकार की हिचकिचाहट महसूस नही कर रहे है। जो कि पुलिस की नाकामी को साबित करता है।
जैसा कि सर्व विदित है कि हिमाचल प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है और ऐसी स्थिति में जिलाधीश सिरमौर के सख्त आदेश भी है कि सभी बन्दूक के लाइसेन्स धारी अपने अपने हथियार सम्बन्धित थानो में जमा करवा दे। और बुद्धिजीवी वर्ग ने जिन्होने स्वरक्षा हेतु गन लाइसेन्स लिए सम्बन्धित थानो में जमा भी करवा दिए। किन्तु अब पुलिस अधिकारियो के समक्ष बडा सवाल यह खडा होता है कि जिन हथियारो से निहालगढ के एक घर में धूंआधार फाइरिंग की वे हथियार आए कहां से थे। कौन लाया कौन बेच रहा कहां से सप्लाई है आदि आदि सवाल पुलिस के अधिकारियो के सामने खडे हो गये है।
किन्तु सवाल रह गये है जिनका पुलिस की ओर से जवाब आना बाकी है कि हथियार आए कहां से कौन बेच रहा किससे खरीदे और कौन सप्लाई दे रहा। अवैध हथियार बेचने और रखने वालो पर भी कानूनी कार्यवाही बनती है। हैरत तो इस बात की भी है कि सीमा क्षेत्र होने के कारण हर बैरियर पर पुलिस बल तैनात है किन्तु हथियार कैसे पहूंचे यह भी जांच का विषय है। खैर अभी पुलिस की जांच पूरी नही हुई है। जांचोपरान्त खुलासा होने की पूर्ण सम्भावनाऐ प्रबल है कि आखिर हथियार आए कहां से।