सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिमाचल और उत्तराखंड को जोड़ने वाला एकमात्र यमुना ब्रिज के आसपास खनन माफिया लगातार अवैध खनन कर रहे हैं और विभाग के अधिकारी देखकर भी मूकदर्शक बने हुए हैं। डीएसपी ऑफिस के पीछे और 100 मीटर के दायरे में अवैध खनन दिनरात हो रहा है परंतु पुलिस अधिकारी इसपर कार्रवाई करने से कतरा रहे है
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड यूपी को जोड़ने वाले एकमात्र यमुना ब्रिज की जड़ों को नुकसान पहुंचाने का काम किया जा रहा है। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस यमुना ब्रिज के 50 मीटर के दायरे में जमकर अवैध खनन माफिया कर रहा है वहीं खनन विभाग के कर्मचारी इस पर कार्यवाही करने के बजाय हजार दो हजार के चालान कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। खनन विभाग भ्रष्ट कर्मचारियों की मिली भगत से ही पुल के नीचे अवैध खनन किया जा रहा है
पांवटा साहिब के यमुना ब्रिज की सामरिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण भूमिका है उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश को जोड़ने वाला यह एकमात्र प पुल है। पहले ही इंजीनियर इस ब्रिज को खतरे के निशान से ऊपर बता चुके हैं क्योंकि 70 के दशक में बना यह पुल अपनी समय सीमा खत्म कर चुका है। इस पर केवल 10 टन वजन पास है जबकि हर रोज इसके ऊपर से 60 से 70 टन वजन के डंपर गुजर रहे हैं ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा यहां हो सकता है।
बता दें कि इस पल की रिपेयर के लिए भी कई महीनो से काम अटका हुआ है क्योंकि अगर इस पल को रिपेयर के लिए बंद करते हैं तो कईं राज्यों के आने जाने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ सकती है।
वहीं विभाग की बात करें तो हमेशा की तरह कम स्टाफ होने की दुहाई देकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहा है जबकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यमुना ब्रिज को सुरक्षित रखने के लिए खनन विभाग पुलिस, फॉरेस्ट विभागों की शक्तियों का भी इस्तेमाल कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। अपनी जेबों को भरने के चक्कर में इस महत्वपूर्ण यमुना ब्रिज को नुकसान पहुंचाने का काम सभी विभाग मिलकर कर रहे हैं।