ईमानदारी के लिए जाने वाले तथा निडर निर्भीक पुलिस अधिकारी जोकि दबंग भी है तथा कानून की पालना करवाने में उनको एक दबंग अधिकारी के रूप में जाना जाता है बिना किसी राजनीतिक या अन्य दबाव के कानून की अनुपालन कराने के लिए तत्पर रहते हैं किसी केस के सिलसिले में रात को 2:00 बजे फोन करो या सुबह 5:00 बजे हमेशा कार्रवाई के लिए तैयार रहते हैं यही नहीं साइकिल पर चुपचाप सिविल ड्रेस में शहर के आसपास के इलाकों का दौरा करते रहते हैं ताकि खुफिया तंत्र मजबूत रहे यही नहीं खुफिया तंत्र इतना मजबूत की नशा तस्करों को पता ही नहीं चल पाता कि पुलिस ने कब उनकी गेम लगा दी वही ऐसी अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस काम करती है तो जनता भी विश्वास करती है कि पुलिस बेहतरीन काम करेगी तथा जनता की समस्याओं को दूर कर नशे के इस जंजाल से समाज को दूर करेगी वही उनकी टीम में एसएचओ अशोक चौहान भी बेहतरीन काम कर नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचा रहे हैं
देर शाम भी पुलिस ने सहारनपुर निवासी रागव सैनी को 20 नशे की शीशीयो के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है वही एक और अन्य मामले में पुलिस ने एक अन्य व्यक्ति मोहित कुमार निवासी माजरा को 672 ग्राम भुक्की के साथ गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है दोनों मामलों में एनडीपीएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है
गौरतलब है कि तेज तरार पुलिस अधिकारी डीएसपी वीर बहादुर के नेतृत्व में पुलिस ने कई नशा तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है तथा पिछले कई महीनों में कई बड़ी नशे की खेप पर पुलिस ने पकड़ी है तथा डीएसपी वीर बहादुर खुद नशा तस्करी के खिलाफ अभियान को अंजाम देने में जुटे हुए हैं तथा नशा तस्करों के खिलाफ उनके एक्शन से नशा तस्करों में खलबली मची हुई है डीएसपी वीर बहादुर के सूत्र इतने पक्का है कि नशा तस्करों की नशे की बड़ी खेप भी लगातार पकड़ी जा रही है
समय का कैप्सूल के दर्जनों मुकदमे उन्होंने स्वयं अपनी निगरानी में दर्ज करवाए हैं यही नहीं उनके अधीनस्थ भी उनकी कार्यप्रणाली से खुश हैं तथा अपने कर्मचारियों व अधिकारियों को वह पूरा सहयोग करते हैं तथा सुख दुख मे उनके साथ खडे रहते है ऐसे में अधीनस्थ कर्मचारियों में अधिकारियों का मनोबल भी बढ़ता है तथा ईमानदारी के साथ काम करने वाले अधिकारी की छत्रछाया में कर्मचारी भी अच्छा काम करने के लिए उत्सुक रहते हैं
डीएसपी वीर बहादुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार की नशा तस्करों के विरूद्ध जीरो टोलरैन्स की नीति है और पुलिस उक्त नीति के अन्तर्गत कड़ी मेहनत कर रही हैं और यह उसी मेहनत का नतीजा हैं कि पुलिस ने पिछले कुछ माहों में एक के बाद एक बड़े -2 मामलों को पकड़ने में सफल रही हैं।
इससे अलावा भी कई एनडीपीएस के मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें आरोपी सलाखों के पीछे पहुंचाए गए हैं नशा तस्करी के व्यापारिक मात्रा के मामलों में अपराधी व्यक्ति के लिए 10 बर्ष से 20 बर्ष तक की सजा और एक लाख से दो लाख रूपऐ तक के जुर्माना का प्रावधान हैं। यही नहीं आरोपियों की संपत्ति आदि की जांच के लिए अलग अधिकारी नियुक्त किए गए हैं तथा यह अधिकारी जांच के बाद जो रिपोर्ट देंगे उसके आधार पर आरोपियों की संपत्ति भी सीज की जाएगी उन्होने यह भी बतलाया कि जिला सिरमौर पुलिस की नशा माफिया पर भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी।