मुख्यमंत्री श्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पशुपालन गतिविधियों के विस्तार की अपार सम्भावना है तथा राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी तीनों दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के आधुनिकीकरण के अलावा डेयरी क्षेत्र में लगे किसानों की सुविधा के लिए बाजार के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
वह आज यहां राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष दलीप रथ, राज्य पशुपालन विभाग व हि.प्र. मिल्क फेडरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपयुक्त विपणन रणनीति अपनाई जाएगी ताकि राज्य में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए दूध संघ स्थानीय बाजार क्षमता पर पूंजीकरण कर सके। उन्होंने कहा कि दुग्ध प्रापण, प्रसंस्करण तथा विपणन में गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप के साथ दुग्ध प्रसंस्करण तथा शीतल संयंत्रों का स्वचालन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य में श्वेत क्रान्ति लाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से प्रदेश को तकनीकी सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय डेयरी परियोजना के दूसरे चरण में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे डेयरी तथा पशुपालन क्षेत्र लाभान्वित होगा।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष दिलीप रथ ने सुझाव दिया कि राज्य सरकार को दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों को पोष्टिक भोजन तथा शिक्षण कार्यक्रमों जैसी रणनीति को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सहकारिताओं को मजबूत किया जाना चाहिए और दूध एकत्रण में सुधार तथा सहकारिताओं के सुदृढ़ीकरण की भी आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बोर्ड दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए राज्य को हर सम्भव तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. श्रीकान्त बाल्दी, प्रधान सचिव पशुपालन संजय गुप्ता, मिल्क फेडरेशन के प्रबन्ध निदेशक डॉ. पंकज ललित, निदेशक पशुपालन डॉ. एस.के. चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।