पांवटा साहिब में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। सूरजपुर में फिर डंपर और कार में जोरदार टक्कर हुई। इस भयंकर हादसे में दो युवकों की मौत की मौत हो गई जबकि एक गंभीर रूप से घायल युवक को पीजीआई रैफर कर दिया गया है
इस दुर्घटना में मलिक उम्र 18 वर्ष पुत्र
गुलफान निवासी जगतपुर की मौत हो गई वहीं साहिल उम्र 20 वर्ष की मौत हो गई राजेश उम्र 21 वर्ष पुत्र राजेंद्र सिंह निवासी गंभीर रूप से घायल है जिसको प्राथमिक उपचार देने के बाद डॉक्टर ने पीजीआई रेफर कर दिया गया है वहीं प्रशासन की तरफ से तहसीलदार ऋषभ शर्मा ने मृतक और घायलों के परिजनों को फौरी राहत दी गई है
इससे कुछ ही घंटे पहले मैनकाइंड फार्मा के नज़दीक भी कार और ट्रक की टक्कर हुई थी। लगातार हो रहे हादसों ने लोगों में दहशत फैला दी है और प्रशासन की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
कुछ वर्ष पहले इसी तरह ट्रालों और डंपरों के आतंक ने छछरोली के पास उर्जनी में बने कॉलेज के कई छात्रों की जान ले ली थी। हालात इतने भयावह थे कि उस समय हरियाणा के तत्कालीन सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा को खुद मौके पर पहुंचना पड़ा। उसके बाद ही इन ओवरलोडेड ट्रालों पर रोक लगी थी।उस दर्दनाक हादसे के बाद हॉस्टल में रहने वाले छात्र इतने डरे कि उन्हें रातों को सहम कर निकलते देखा गया, और धीरे-धीरे वह कॉलेज भी बंद हो गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आज हालात फिर वैसे ही हो गए हैं।
– न मौजूदा विधायक इस मामले पर आवाज़ उठा रहे हैं
– न उनके समर्थक
– न कांग्रेस नेता
– न खनन माफिया पर कोई सख्ती
लोगों का आरोप है कि कई राजनीतिक चेहरे खनन कारोबार से जुड़े हैं, इसलिए कोई भी इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं।रात 8 बजे के बाद हाईवे पर डंपर–ट्रालों का गुंडाराज खुलकर देखने को मिलता है, जबकि आम जनता डर के साए में जीने को मजबूर है।
पांवटा साहिब के लोग कह रहे हैं कि शहर के कुछ लोग नोटों में खेल रहे हैं और पूरा शहर उनकी वजह से खतरे में है।खनन माफिया के बोझ से दबा यह क्षेत्र अब सांस भी डर-डर कर ले रहा है।लगातार बढ़ते हादसों ने लोगों को निराश कर दिया है। प्रशासनिक चुप्पी और नेताओं की खामोशी ने आम जनता को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि शायद अब सुरक्षा की उम्मीद सिर्फ ऊपरवाले से ही है।












