शिमला प्रवर्तन निदेशालय ईडी के सहायक डायरेक्टर द्वारा बिचौलिए के साथ मिलकर ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में ईडी के दो अन्य अधिकारी भी सीबीआई के रडार पर आ गए हैं। जांच टीम ने कॉल डिटेल निकालने के बाद इन अधिकारियों को भी पूछताछ करने के लिए तलब किया है। ऐसे में इनके अलावा भी अभी अन्य कई की मुश्किलें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, शिमला ईडी कार्यालय के कर्मियों में भी इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। उधर, फरार चल रहे ईडी डिप्टी डायरेक्टर के जींद से गिरफ्तार किए गए भाई विकासदीप को सीबीआई ने कोर्ट में पेश कर दोे दिन का अतिरिक्त रिमांड मंजूर कराया है।
सेंट्रल ब्यूरो इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) ने चंडीगढ़ में अब तक का सबसे बड़ा रिश्वत कांड दर्ज किया है। शिमला में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक बड़े अधिकारी को काले धन से जुड़े मामले में दो आरोपितों से करीब ढ़ाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपित के भाई को भी सीबीआई ने चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया है।
सेंट्रल ब्यूरो इनवेस्टीगेशन (सीबीआई) चंडीगढ़ ने रिश्वत का अब तक का सबसे बड़ा केस दर्ज किया है। शिमला में तैनात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का एक बड़ा अधिकारी काले धन से जुड़े मामले में फंसे दो आरोपितों से करीब ढ़ाई करोड़ रुपये रिश्वत मांग रहा था।
रिश्वत के इस खेल में उसका भाई भी शामिल था, जिसे सीबीआई ने चंडीगढ़ में गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपित की पहचान विकासदीप के रूप में हुई है, जोकि दिल्ली स्थित एक बैंक में बड़े पद पर तैनात था। सीबीआई ने उसकी गाड़ी से 54 लाख रुपये बरामद किए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई को आरोपित के घर पर छापेमारी के दौरान 60 लाख रुपये भी बरामद हुए हैं। आरोपित विकासदीप को सीबीआई ने देर रात ड्यूटी मजिस्ट्रेट के घर पेश किया।
सीबीआई ने उससे पूछताछ करने और दूसरे आरोपित को पकड़ने के लिए पांच दिन का रिमांड मांगा, लेकिन जज ने दो दिन का रिमांड मंजूर कर दिया। वहीं, आरोपित ईडी अधिकारी फरार है और सीबीआई उसे ढूंढ रही है। सीबीआई ने ईडी के शिमला कार्यालय में भी रेड की है और कई अहम दस्तावेज जुटा लिए हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हिमाचल के दो लोगों के खिलाफ ईडी मनी लांड्रिंग के केस में जांच कर रही थी। उन आरोपितों को ईडी के एक बड़े अधिकारी ने अपने शिमला स्थित कार्यालय में बुलाया और उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी।
ईडी अधिकारी ने एक आरोपित से करीब डेढ़ करोड़ और दूसरे से करीब एक करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। हालांकि उन दोनों ने रिश्वत की रकम को कम करने की मांग की। रिश्वत की इस डील के वक्त आरोपित ईडी अधिकारी का भाई भी मौजूद था।
ईडी अधिकारी के भाई विकासदीप ने शिकायतकर्ताओं को रिश्वत की रकम के साथ चंडीगढ़ बुलाया। इधर, उन लोगों ने इस बारे में चंडीगढ़ सीबीआई को सूचना दे दी। सीबीआई ने उन्हें पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया, लेकिन विकासदीप रिश्वत की रकम लेकर अपनी स्कार्पियो कार में भागने लगा, तभी सीबीआई ने उसे दबोच लिया।
सीबीआई ने उसकी कार की तलाशी ली, तो उसमें से 54 लाख रुपये बरामद हुए। पहले भी लग चुके हैं ईडी पर दाग काले धन से जुड़े मामलों की जांच के लिए बनाई गई एजेंसी ईडी पर भी रिश्वत के दाग लग रहे हैं। छह साल पहले ईडी के ही चंडीगढ़ कार्यालय के एक डिप्टी डायरेक्टर का नाम भी रिश्वत मामले में सामने आया था।
शिमला प्रवर्तन निदेशालय ईडी के सहायक डायरेक्टर द्वारा बिचौलिए के साथ मिलकर ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में ईडी के दो अन्य अधिकारी भी सीबीआई के रडार पर आ गए हैं। जांच टीम ने कॉल डिटेल निकालने के बाद इन अधिकारियों को भी पूछताछ करने के लिए तलब किया है। ऐसे में इनके अलावा भी अभी अन्य कई की मुश्किलें बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है। वहीं, शिमला ईडी कार्यालय के कर्मियों में भी इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। उधर, फरार चल रहे ईडी डिप्टी डायरेक्टर के जींद से गिरफ्तार किए गए भाई विकासदीप को सीबीआई ने कोर्ट में पेश कर दोे दिन का अतिरिक्त रिमांड मंजूर कराया है।
ढाई करोड़ की रिश्वत मामले में नामजद शिमला ईडी का अधिकारी मंगलवार से ही फरार है। आरोपी की आखिरी लोकेशन शिमला की ही आई थी और इसके बाद उसका फोन बंद हो गया था। जांच टीमें लगातार उसे व एक अन्य बिचौलिए को पकड़ने के लिए दिल्ली, हिमाचल, हरियाणाा, पंजाब सहित अन्य जगहों पर दबिश दे रही है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई की जांच टीम ने इस मामले में फरार आरोपी की पिछले करीब एक से डेढ़ महीने की कॉल डिटेल निकाली है। आरोपी द्वारा दो अलग-अलग फोन में तीन नंबरों का प्रयोग किया जा रहा था, जिसमें एक निजी नंबर में ईडी के दो से तीन अधिकारियों से लगातार काफी लंबी-लंबी बात हो रखी है। हालांकि अभी जांच टीमें इस मामले में अभी कुछ भी बताने काे तैयार नहीं हैं। लेकिन कॉल डिटेल में जिनके नाम सामने आए हैं जांच टीम ने उन्हें भी पूछताछ कर जांच में शामिल करने के लिए तलब कर लिया है। इस मामले की जांच शिमला से लेकर चंडीगढ़ और दिल्ली सीबीआई मुख्यालय तक में हो रही है।
आरोपित अधिकारी 600 करोड़ रुपये के पोंजी घोटाले के आरोपितों को फायदा पहुंचाने के बदले रिश्वत की मांग कर रहा था। वह मामला सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। इसके अलावा इसी साल अगस्त में सीबीआई ने दिल्ली में ईडी के एक असिस्टेंट डायरेक्टर को 20 लाख रुपये की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार था। वह मुंबई के एक ज्वेलर से रिश्वत की मांग कर रहा था।