नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ‘ मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से जितने भी विषय प्रधानमंत्री द्वारा उठाए गए हैं उसमें समस्त देशवासियों का संपूर्ण सहयोग और सहभागिता प्राप्त हुई है। जिसकी वजह से देश में एक के बाद एक बड़े जन भागीदारी के कार्यक्रम प्रारंभ हुए और बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति हुई। स्वच्छता से जुड़े तमाम कार्यक्रम इसके उदाहरण हैं। जब प्रधानमंत्री जी के आह्वान मात्र से भी देश के करोड़ों लोग आगे आए और असंभव से लगने वाले लक्ष्य आसानी से हासिल हो गए।
आज देश में छुपी हुई नायाब प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें मंच प्रदान करने का यह काम प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से हो रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से देश ही नहीं विदेश में भी भारत- भारतीयता और मानव- मानवता से जुड़े विभिन्न पहलू हर रोज सामने आते रहते हैं। चेन्नई की क्रिएटिव लर्निंग का हब बन चुकी लाइब्रेरी प्रकृति आरिवागम हो, या जैव विविधता को बढ़ाने के लिए गौरैया बचाने के अभियान हो या कतरनों से कपड़ा बनाने के अभिनव और पर्यावरण हितैषी प्रयोग। प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें अपने मंच पर जगह देने से जहां ऐसे लोगों को प्रोत्साहन मिलता है तो ऐसे कार्यकलाप करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आगे आते हैं। ‘मन की बात’ दुनिया का सेव सफल जन संवाद कार्यक्रम है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश में राजनीति को नई दिशा और दशा देने के लिए युवाओं के अत्यधिक सहभागिता की आवश्यकता है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भी कहा था कि वह राजनीति में ऐसे सक्षम और प्रतिभावान युवाओं को लाएंगे जिनके परिवार का राजनीति से कोई लेना देना नहीं होगा। उसी के दृष्टिगत अगले साल जब पूरा देश स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती मना रहा होगा तो प्रधानमंत्री देश की राजनीति में एक लाख से ज्यादा युवाओं को राजनीति में लाने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। उनका यह प्रयास आने वाले समय में भारत की राजनीतिक विरासत को संजोने, संवारने, आगे बढ़ाने और समृद्ध करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
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आज देश में छुपी हुई नायाब प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें मंच प्रदान करने का यह काम प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से हो रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से देश ही नहीं विदेश में भी भारत- भारतीयता और मानव- मानवता से जुड़े विभिन्न पहलू हर रोज सामने आते रहते हैं। चेन्नई की क्रिएटिव लर्निंग का हब बन चुकी लाइब्रेरी प्रकृति आरिवागम हो, या जैव विविधता को बढ़ाने के लिए गौरैया बचाने के अभियान हो या कतरनों से कपड़ा बनाने के अभिनव और पर्यावरण हितैषी प्रयोग। प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें अपने मंच पर जगह देने से जहां ऐसे लोगों को प्रोत्साहन मिलता है तो ऐसे कार्यकलाप करने के लिए बड़ी संख्या में लोग आगे आते हैं। ‘मन की बात’ दुनिया का सेव सफल जन संवाद कार्यक्रम है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि देश में राजनीति को नई दिशा और दशा देने के लिए युवाओं के अत्यधिक सहभागिता की आवश्यकता है। जिसको ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भी कहा था कि वह राजनीति में ऐसे सक्षम और प्रतिभावान युवाओं को लाएंगे जिनके परिवार का राजनीति से कोई लेना देना नहीं होगा। उसी के दृष्टिगत अगले साल जब पूरा देश स्वामी विवेकानंद की 162वीं जयंती मना रहा होगा तो प्रधानमंत्री देश की राजनीति में एक लाख से ज्यादा युवाओं को राजनीति में लाने के लिए विशेष अभियान चलाएंगे। उनका यह प्रयास आने वाले समय में भारत की राजनीतिक विरासत को संजोने, संवारने, आगे बढ़ाने और समृद्ध करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।