आर्दश केंद्रीय कारगार नाहन में हत्या की सजा काट रहे फारार कैदी को सिरमौर पुलिस वाराणसी से गिरफ्तार कर रविवार को नाहन ले आई। नाहन में जब पुलिस टीम ने सजायाफ्ता कैदी लक्ष्मण पटेल से गहन पुछताछ की, तो उसने बताया की पुरानी रंजिश के चलते वह किसी का खून करने के लिए वाराणसी गया था। इससे पहले की लक्ष्मण पटेल एक ओर खून करता सिरमौर पुलिस ने युपी पुलिस की सहायता से उसे उसकी बहन के घर के समीप वाराणसी से दबोच लिया।
पुछताछ में लक्ष्मण पटेल ने बताया कि वह कैसे 12 जून को सुबह मेडिकल कॉलेज नाहन से उपचार के दौरान पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। कैदी ने बताया कि वह मेडिकल कॉलेज से फरार होकर वह जंगल के रास्ते से वह कालाअंब पंहुचा। जहां से वह ट्रकों में लिफ्ट लेकर दिल्ली पंहुच गया। फिर उसके बाद बिना टिकट के टे्रन में सफर कर वाराणसी पंहुच गया। वहां जाकर वह अपनी बहन के घर रूका। उसके बाद वह पुराने रंजिश के चलते उक्त व्यक्ति की तलाश में लग गया, जिससे उसे बदला लेना था।
वही पुलिस सिरमौर की एक विशेष टीम ने भी कैदी को पकडने के लिए वाराणसी पंहुच गई। पुलिस टीम ने फैरी वाला का हूलिया बदलकर कैदी की बहन के घर पर नजर रखनी शुरू कर दी। जैसे ही शुक्रवार देर शाम को कैदी लक्ष्मण पटेल अपनी बहन के घर पंहुचा। पुलिस टीम ने उसे दबोच लिया और उत्तर प्रदेश पुलिस की सहायता से वाराणसी के कोर्ट में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने उसे तीन दिन के ट्रांजिट रिंमाड पर नाहन लाया गया।
सोमवार को कैदी नाहन की अदालत में पेश किया जायेगा। कैदी ने इस बात को कबूल किया है कि वह एक और जुर्म करने ही फरार हुआ था। बता दें कि सजायाफ्ता कैदी सेंट्रल जेल नाहन में हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 10 अपैल 2011 को कुल्लू जिला के मनाली में अपने ही एक साथी को पटक कर लक्ष्मण पटेल ने मौत के घाट उतार दिया था। बहरहाल सिरमौर पुलिस ने समय रहते कैदी को दबोचकर एक ओर जुर्म करने से बचा लिया। मामले की पुष्टि करते हुये अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि कैदी ने पुछताछ में यह बात कबूल की है। वह एक पुरानी रंजिश के चलते किसी का मर्डर करने की मंशा से फरार हुआ था।