संयुक्त किसान मोर्चा की चेतावनी, जल्द सिंचाई योजनाओं को बहाल करें जलशक्ति विभाग ….

Khabron wala 

संयुक्त किसान मोर्चा पाँवटा साहिब ने बांगरन में गिरी नदी में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुई सिंचाई व पेयजल योजनाओं को तुरंत बहाल करने की जल शक्ति विभाग से मांग की है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि जल्द यह स्कीमें चालू नहीं की गई तो विभाग के कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा। मोर्चा की एक बैठक मोर्चा के प्रदेश संयोजक सरदार तरसेम सिंह सग्गी तथा सहसंयोजक गुरविंदर सिंह गोपी की अध्यक्षता में पाँवटा साहिब विश्रामगृह में संपन्न हुई इस बैठक के बाद सभी कार्यकर्ता जल शक्ति विभाग कार्यालय पहुंचे तथा एक्सीयन के मार्फत उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को एक ज्ञापन भेजा गया।

इस ज्ञापन में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि इस वर्ष बरसात में प्रदेश में जानमाल का भारी नुकसान हुआ है। किसानों और बागवानों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। पांवटा साहिब में भी फूलपुर पंचायत के बांगरन गांव में बरसात के प्रकोप से बहुत से मकान नदी में बह गए। इसके अलावा फसलों को बहुत नुकसान हुआ तथा साथ ही गिरि नदी के किनारे सिंचाई वह पेयजल योजनाएं बाढ़ की भेंट चढ़ गई। जिससे लगभग 2000 बीघा भूमि पर फसल होगी या नहीं इसको लेकर किसान बहुत चिंतित है। इसलिए जब तक सिंचाई योजनाओं का पुनर्निर्माण होगा तब तक किसानों की फसल बिजाई और सिंचाई के लिए तुरंत वैकल्पिक अस्थाई व्यवस्था करवाई जाए। बरसात हर वर्ष आती है और बरसात में नदी में बाढ़ आने से नदी के किनारे पहाड़ नदी में समा जाते हैं। इस बार एक दर्जन भर घर या तो नदी में समा गए तथा कुछ घर पहाड़ पर लटके हुए हैं। घरों में दरारें के चलते वह घर कभी भी गिर सकते हैं इसलिए जल्द से जल्द डंगे लगना जरूरी है। साथ ही भविष्य में पहाड़ ना खिसके इसके लिए क्रेट वॉल या जो कारगर निर्माण हो करना जरूरी है। इन मांगों के लिए अधिशासी अभियंता पाँवटा साहिब को तत्काल अमल के निर्देश दिए जाएं तथा क्रेट वॉल के लिए भू-संरक्षण विभाग या अन्य योग्य विभाग को भी निर्देशित किया जाए। मोर्चा ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर जल्द इन समस्याओं का समाधान न हुआ तो जनता का रोष आक्रोश में बदल जाएगा। इस कार्य के लिए 20 अक्टूबर तक का समय जनता द्वारा दिया गया है। उससे पहले जल शक्ति विभाग अस्थाई समाधान सिंचाई हेतु करें ऐसी उम्मीद किसान मोर्चा ने की है। वरना उसके बाद मोर्चा धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश हो जाएगा।

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