दरकती पहाड़ी, डर में जिंदगी… फिर भी गांव छोड़ने को तैयार नहीं लोग, खेतों में लगाया डेरा

Khabron wala 

कुल्लू जिला के तहत सैंज घाटी की देहूरीधार पंचायत के दरमेड़ा गांव के पीछे वरमोंट नामक पहाड़ी में भूस्खलन जारी है। शनिवार को भी दरकती पहाड़ी से रुक-रुक कर भूस्खलन हाेता रहा। लगातार भूस्खलन के चलते ग्रामीण सहमे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन ने वन विभाग के नजदीकी रोपा विश्रामगृह को रिजर्व रखा है लेकिन ग्रामीण गांव छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे अपने पालतू पशुओं को छोड़कर कहीं नहीं जा सकते हैं। ग्रामीणों चेत राम, अमर चंद, जय सिंह व चुनी लाल आदि का कहना है कि वन विभाग का विश्राम गृह गांव से बहुत दूर है तथा इसके बीच नदी पार करने वाला पुल भी बह गया है। लकड़ी की छोटी सी पुलिया से आने-जाने में भी खतरा है। इसलिए ग्रामीणों ने गांव के साथ ही कुछ दूरी पर अपने खेतों में टैंट लगाकर रहने का फैसला किया है। गांव में 14 परिवार हैं।

सैंज में तहसीलदार से मिले ग्रामीण

शनिवार को ग्रामीण सैंज तहसील कार्यालय पहुंचे तथा तहसीलदार के समक्ष पलायन नहीं करने की मांग रखी। प्रशासनिक अधिकारी ने मौके की रिपोर्ट के आधार पर गांव को अधिक खतरा नहीं होने के चलते गांव से दूर सुरक्षित स्थान पर रहने की इजाजत दी है। माना जा रहा है कि एक मकान को खतरा अधिक है लेकिन खतरे की आशंका के चलते पूरे गांव को खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीणों को प्रशासन की तरफ से तिरपाल प्रदान किए गए हैं ताकि उनके रहने की व्यवस्था हो सके।

क्या कहते हैं एसडीएम बंजार

एसडीएम बंजार पंकज शर्मा ने बताया कि लोगों को रहने के लिए गांव के समीप सुरक्षित स्थान पर आवासीय कैंप लगाया गया है जिसकी निगरानी तहसीलदार सैंज नरेंद्र कुमार कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा ग्रामीणों से आग्रह किया गया कि गांव में अपने घरों में न ठहरें। भूस्खलन का कारण जानने के लिए भूगर्भ विभाग से अध्ययन करने की सिफारिश की जाएगी।

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