27 वर्षीय परविंदर सिंह को अब शायद कभी दर्दनाक मौत का इंसाफ न मिल पाए, फार्मा फोर्स कंपनी ने इस नौजवान की मौत पर लाखों रुपए परिजनों को देकर न्याय के रास्तों को बंद कर दिया है।
बता दें कि 11 दिसंबर को 27 वर्षीय परविंदर सिंह की संदिग्ध हालत में फार्मा फोर्स कंपनी में गंभीर घायल होने के कारण मौत हो गई थी। दर्दनाक मौत के बाद कंपनी के बाहर सैकड़ो की तादाद में ग्रामीण इकट्ठा हुए जिन्होंने फार्मा कंपनी और प्रबंधन के खिलाफ मुरादाबाद के नारे लगाए लेकिन महज़ कुछ ही घंटे में पैसे के दम पर फार्मा फोर्स कंपनी ने परविंदर सिंह के करीबी रिश्तेदारों को समझौते के टेबल पर आमंत्रित किया रकम इतनी बड़ी बोली गई जिसके सामने नौजवान की मौत छोटी साबित हुई। कथित तौर फार्मा कंपनी ने 30 लाख रुपए बोली लगाकर हमेशा के लिए परविंदर सिंह के न्याय और कानून के दरवाजों को हमेशा के लिए बंद कर दिया है।
उधर सभी को पता है कि कंपनी प्रबंधन की लापरवाही के कारण एक नौजवान ने अपनी जिंदगी से हाथ धोया है बावजूद इसके पांंवटा पुलिस प्रशासन अभी शिकायतकर्ता को तलाश कर रहा है। कानून कम्पनी प्रबंधन पर गैर इरादतन हत्या के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए था लेकिन कुछ ही घंटों में इस नौजवान का पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है।
बता दें इससे पहले भी मैनकाइंड और उसकी सहयोगी कंपनियों में कई बार नौजवान अपनी जान गंवा चुके हैं इससे पहले भी इस तरह के जानलेवा हादसों के बाद लाखों रुपए परिजनों को देकर अपनी और उठने वाली कानून की उंगलियों को ही मरोड़ दिया है।