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हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित परवाणू टोल बैरियर आज सुबह लगभग 5 बजे एक भीषण अग्निकांड का गवाह बना। अंबाला से शिमला की दिशा में जा रही एक कार अचानक आग की लपटों से घिर गई, जिसकी चपेट में आकर टोल प्लाजा के तीन कलेक्शन बूथ पूरी तरह खाक हो गए। गनीमत यह रही कि इस बड़े हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
हादसे की शुरुआत तब हुई जब टोल प्लाजा के पास पहुंची कार से अचानक धुआँ निकलने लगा। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, कार चालक ने खतरा भांपते हुए वाहन को किनारे करने का इशारा किया था। हालांकि, टोल कर्मचारियों ने कथित तौर पर पहले टोल पर्ची बनवाने पर जोर दिया। इसी दौरान, कार में आग इतनी तेज़ी से भड़की कि वह अनियंत्रित हो गई और देखते ही देखते आस-पास के तीन भुगतान काउंटरों को भी अपनी चपेट में ले लिया। पल भर में ही पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई।
स्थानीय निवासियों और टोल कर्मियों ने तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन दुखद रूप से टोल प्लाजा पर सुरक्षा के बुनियादी इंतजामों का घोर अभाव दिखा। घटनास्थल पर न तो पानी का कोई स्रोत था, न रेत और न ही प्राथमिक अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) उपलब्ध थे। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची और काफी मशक्कत के बाद आग को नियंत्रित किया जा सका।
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी; जलती हुई कार और तीनों टोल कलेक्शन बूथ पूरी तरह से जलकर नष्ट हो चुके थे। इस घटना से लाखों रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका जा रहा है। स्थानीय प्रशासन ने मामले की विस्तृत जाँच शुरू कर दी है। इस जाँच का एक प्रमुख बिंदु यह भी है कि इतने महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थान पर सुरक्षा मानकों और आपातकालीन तैयारियों में इतनी बड़ी लापरवाही क्यों बरती गई।