शमारनी में एक साथ जलीं परिवार के पांच सदस्यों की चिताएं, हर आंख हुई नम

Khabron wala 

कुल्लू जिले के निरमंड खंड की घाटू पंचायत के शमारनी गांव में सोमवार देर रात को पेश आए दर्दनाक हादसे के बाद क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है।

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के निरमंड खंड की घाटू पंचायत के शमारनी गांव में सोमवार देर रात को पेश आए दर्दनाक हादसे के बाद क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है। हादसे को लेकर ग्रामीण गमगीन हैं। सोमवार शाम तक जो गांव बच्चों की किलकारियाें से गूंज रहा था, आज उस गांव में सन्नाटा है। वहीं, लोग आपदाग्रस्त शमारनी गांव में जाने से भी सहम रहे हैं।

बुधवार को गांव के पास शमानी खड्ड में आपदा पीड़ित अभागे शिव राम के परिवार के पांच सदस्यों की एक साथ चिताएं जलीं। शिव राम के बेटे श्याम लाल ने सभी को मुखाग्नि दी। कल-कल बहती शमानी नदी शमारनी गांव में पेश आई घटना के कभी न भुलाए जाने वाले इस काले अध्याय की गवाह बनी। एक साथ पांच चिताएं जलते देख लोग गम में डूब गए।

यह मंजर देखकर सभी की आंखें छलक पड़ीं। छोटे-छोटे दो बच्चे के शवों को देखकर ग्रामीण अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उनकी आंखाें से आंसुओं की धारा बहती रही। सोमवार रात 1:30 बजे को शमारनी गांव में पहाड़ी पर भूस्खलन होने से हजाराें टन मलबा एक घर पर गिर गया।

इस घर के अंदर शिवराम और उसके भाई धर्मदास के सो रहे परिवार के आठ सदस्य दब गए थे। इसमें शिवराम, धर्मदास और उसकी पत्नी तो जिंदा बच गए, लेकिन शिवराम की पत्नी, बेटा, बहू, पोता और पोती को काल ने अपना ग्रास बना लिया। बुधवार को घायल शिवराम अस्पताल से छुट्टी लेकर अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने पहुंचा।

घाटू पंचायत के प्रधान भोगा राम ने बताया कि भूस्खलन में अपने परिवार के अलावा अपने घर खो चुके शिवराम और उसके भाई धर्मदास को फिलहाल पंचायत घर में शिफ्ट कर दिया गया है। भूस्खलन के बाद गांव के मोती राम, कर्मदास और एक अन्य के मकानों को संभावित खतरे को देखते हुए उन्हें भी सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट होने को कह दिया था। उन्हाेंने अपने स्तर पर ही ठहरने का इंतजाम कर दिया है।

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