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हिमाचल प्रदेश में इन दिनों प्रकृति का प्रकोप चरम पर है। पहाड़ों पर ताज़ी बर्फ की चादर बिछने के बाद, पूरा राज्य तीव्र शीतलहर की चपेट में है, जिससे जनजीवन ठहर सा गया है।
तापमान में रिकॉर्ड गिरावट
ऊपरी क्षेत्रों में ठंड ने अपने पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। लाहौल-स्पीति के ताबो में मंगलवार रात को तापमान लुढ़ककर माइनस 9.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया, जो सोमवार की रात के माइनस 8.0 डिग्री सेल्सियस से लगभग दो डिग्री कम था। यह दिखाता है कि सिर्फ 24 घंटों में ही कड़ाके की ठंड में कितनी वृद्धि हुई है। आश्चर्य की बात यह है कि राज्य के किसी भी हिस्से में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं गया है, जिससे पूरे प्रदेश में ठिठुरन महसूस की जा रही है। कुकुमसेरी और कल्पा जैसी जगहों पर भी रात का पारा शून्य से नीचे बना हुआ है।
मैदानी इलाकों में कोहरे का आतंक
सिर्फ पहाड़ ही नहीं, निचले क्षेत्रों में भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बिलासपुर और मंडी जैसे जिलों में बुधवार को भी घना कोहरा छाया रहा, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि गुरुवार और शुक्रवार को भी कोहरे की ऐसी ही स्थिति बनी रह सकती है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
आने वाले दिनों में और बदलेगा मौसम
शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से 5 और 7 दिसंबर को मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकता है। इस दौरान, मध्य और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों के कई स्थानों पर बारिश और हिमपात की पूरी संभावना है।
बर्फबारी की संभावना: चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, किन्नौर, और लाहौल-स्पीति।
बारिश की संभावना: राज्य के शेष जिलों में।
जोखिम भरी यात्रा
इस बीच, मनाली-लेह मार्ग, शिंकुला पास और जलोड़ी दर्रा जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर वाहनों की आवाजाही अभी जारी है। हालांकि, सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इन सड़कों पर सतह पर ‘ब्लैक आइस’ जमने का खतरा बढ़ गया है, जिससे वाहन चालकों के लिए यात्रा करना बेहद जोखिम भरा हो गया है।










