हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल व पांवटा साहिब से पार्टी एमएलए सुखराम चौधरी की अग्रिम जमानत याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. दोनों नेताओं को बीएनएस की धारा-163 के उल्लंघन का आरोप है. अभी डॉ. बिंदल व सुखराम चौधरी को गिरफ्तार न करने को लेकर हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली हुई है.
सिरमौर जिला के माजरा थाना क्षेत्र के तहत भीड़ जुटाकर धारा-163 के उल्लंघन को लेकर दोनों नेताओं पर मामला दर्ज हुआ है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह इस केस की सुनवाई कर रहे हैं. न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 17 जून को जारी आदेश में जमानत याचिका के लिए आवेदन करने वाले नेताओं के खिलाफ पुलिस को कोई भी दंडात्मक कार्रवाई अमल में न लाने के आदेश जारी किए थे.
अभियोजन पक्ष के अनुसार सिरमौर जिला के माजरा थाना क्षेत्र के तहत एक युवती के कथित रूप से अपहरण के मामले के बाद 13 जून को सैकड़ों लोगों ने विशेष समुदाय के लड़के के गांव की तरफ रैली निकाली थी. डीसी सिरमौर ने माहौल को न बिगड़ने देने के लिए पुलिस थाना माजरा के तहत धारा-163 लागू की थी. थाना माजरा के तहत आने वाले कुल पांच गांवों में धारा-163 लागू की गई थी. इलाके में पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध था.
वहीं, अगले दिन यानी 14 जून को भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में कई लोगों ने धारा 163 को कथित तौर पर तोड़ा और माजरा थाना मार्ग पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया. माजरा पुलिस ने बीएनएस की धारा 163 का उल्लंघन करने को लेकर भाजपा मुखिया डॉ. राजीव बिंदल व पांवटा साहिब के एमएलए सुखराम चौधरी सहित 50 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 299, 132, 191(2), 191(3), 190, 351(2), 115(2), 121(1) और 109 के तहत माजरा थाना में मामला दर्ज किया. दोनों नेताओं ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट ने अब इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. आज सुनवाई के दौरान सिरमौर के पुलिस अधीक्षक निश्चित सिंह नेगी और डीएसपी पांवटा साहिब मानवेंद्र ठाकुर भी हाईकोर्ट में उपस्थित थे