पांवटा साहिब : गरीब परिवार के सभी 6 सदस्य नेत्रहीन ,शेयर कर सरकार तक पहुचाये खबर

 

( जसवीर सिंह हंस ) अकालगढ़ (शिवपुर) गांव में एक गरीब  परिवार के लगभग 6 सदस्य नेत्रहीन हैं। “गुरु का लंगर” नामक बैनर वाली विडीओ फेसबुक पर वायरल हुई जिसमे पता लगा कि संस्था नेत्रहीनों का इलाज भी फ्री कर रही है और किराया भाड़ा भी दे रही है । परिवार के लिये एक उम्मीद ही है ओर खालसा ऐड यूनिट पांवटा साहिब के कुलविंदर सिंघ खालसा परिवार के 3 सदस्यों को लेकर चंडीगढ़ पहुंच गए जहां कुछ टेस्ट के बाद पता चला कि एक बहन का ऑपरेशन हो जाएगा और काफी हद तक आंखों की रोशनी वापिस भी आजएगी पर दूसरी बहन का   एवम पिता का इलाज पीजीआई से चलेगा जिसका खर्च खालसा ऐड यूनिट उठाएगी ।

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Khabron wala हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थान देश दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसे ही एक शिक्षण संस्थान ने अब एक नया इतिहास रच दिया है। दरअसल हिमाचल के मंडी जिला में स्थित आईआईटी मंडी के नाम एक बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। नवाचार और स्टार्टअप की दिशा में उल्लेखनीय योगदान के लिए संस्थान को देशभर में यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर का खिताब मिला है। आईआईटी मंडी को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा दिल्ली में आयोजित एफआईसीसीआई हायर एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड्स 2025 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संस्थान को दो प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ द ईयर और एक्सीलेंस इन क्रिएटिंग एंप्लॉयमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल हैं। यह सम्मान आईआईटी मंडी को हिमालयी क्षेत्र में 400 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दिया गया है। संस्थान के नवाचार आधारित शोध कार्यों ने न केवल युवाओं को नए अवसर प्रदान किए हैं, बल्कि देश को आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर भी अग्रसर किया है। नवाचार और स्टार्टअप्स में नई पहचान आईआईटी मंडी बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप और इनोवेशन के क्षेत्र में तेजी से उभरा है। संस्थान की रिसर्च लैब्स और इनक्यूबेशन सेंटर ने सैकड़ों युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने का मौका दिया है। स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक इन स्टार्टअप्स ने नई दिशा दी है। आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. लक्ष्मिधर बेहरा ने कहा कि यह उपलब्धि पूरे संस्थान के लिए गर्व का क्षण है। यह सम्मान हमारे संकाय छात्रों और स्टाफ की कड़ी मेहनत का नतीजा है। हम नवाचार की संस्कृति को मजबूत कर आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि संस्थान का फोकस केवल शोध तक सीमित नहीं है, बल्कि अनुसंधान के व्यावहारिक उपयोग, उद्योगों से साझेदारी और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर भी है। आईआईटी मंडी का मानना है कि देश में तकनीकी नवाचार और स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाकर ही रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यही कारण है कि संस्थान में कई शोध परियोजनाएं सीधे सामाजिक और औद्योगिक जरूरतों से जुड़ी हुई हैं। इस उपलब्धि के बाद आईआईटी मंडी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका लक्ष्य केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी उसकी भूमिका अहम होगी।

अगर पांवटा साहिब शहर का कोई भी नेता या व्यक्ति परिवार की मदद कर सकता है इलाज में तो कुलविंदर सिंघ खालसा से 70184 48561 पर सम्पर्क करें ।मैं दुआ करता हु  की सभी सदस्य इस खूबसूरत दुनिया को देख सकें ।ओर आप इस नेक काम मे जरूर योगदान डालें। कुलविंदर सिंघ खालसा खालसा ऐड की इकाई ने शिवपुर गांव के  एक परिवार जिसमे 6 सदस्य नेत्रहीन हैं को संसार दिखाने का एक छोटा से यत्न किया है ।

 

इस विषय में जानकारी देते नवजोत सिंह ( रोबिन ) ने बताया  कि फेसबुक पर हो रही वायरल वीडियो जिसमे” गुरु का लंगर” नाम से नेत्रहीन मरीजो को आंखों के ऑपरेशन बिल्कुल फ्री में करवाये जा रहे हैं कि खबर मिलते ही खालसा ऐड की पांवटा साहिब इकाई के कुलविंदर सिंघ खालसा की मेहनत से परिवार के 3 सदस्यों को अभी चण्डीगढ़ ले  जाया गया है जिसमे से एक मरीज की  ऑपरेशन तारीख जून में दी गई है।बाकी पारिवारिक सदस्यों के टेस्ट अभी चल रहे है उम्मीद है कि सभी  की आंखों की रोशनी वापिस आ जाए ।

 

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