दु:खद /कुल्लू में सिलेंडर की गैस लीक होने से भड़की आग, दो महीने के मासूम सहित एक ही परिवार के 5 लोग झुलसे

Khabron wala 

हिमाचल प्रदेश में कुदरती आपदाओं के बीच एक और दुखद घटना सामने आई है। जिला कुल्लू के मणिकर्ण घाटी के जल्लुग्रा गांव में एक घर में आग लगने से एक ही परिवार के पांच लोग बुरी तरह झुलस गए। घायलों में एक दो महीने का मासूम भी शामिल है। सभी घायलों को कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

यह घटना सोमवार सुबह करीब 5 बजे हुई। जल्लुग्रा में एक किराए के एक कमरे में नेपाली मूल का एक परिवार रहता था। इस परिवार में विकास वोहरा बहादुर, उनकी पत्नी कमला वोहरा और उनके तीन बच्चे, 10 वर्षीय मनीषा, 6 वर्षीय जानिशा और दो महीने का नवजात शिशु महेश शामिल हैं।

बताया जा रहा है कि घर में रखा रसोई गैस सिलेंडर लीक हो गया था, जिसके कारण कमरे में गैस भर गई। जैसे ही किसी ने आग जलाने की कोशिश की, पूरे कमरे में आग फैल गई और देखते ही देखते यह परिवार आग की चपेट में आ गया। अचानक हुए इस हादसे से घर में अफरा-तफरी मच गई। परिवार के लोग खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि वे बुरी तरह झुलस गए।

आग की घटना का पता चलते ही आसपास के लोग तुरंत मौके पर जमा हो गए। उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी और खुद भी राहत कार्य में जुट गए। स्थानीय लोगों ने जान जोखिम में डालकर परिवार के सभी पांच सदस्यों को जलते हुए कमरे से बाहर निकाला। जब तक पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तब तक स्थानीय लोगों ने घायलों को बाहर निकाल लिया था और उन्हें अस्पताल भेजने की तैयारी चल रही थी।

पुलिस ने तुरंत सभी घायलों को कुल्लू के क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों की टीम उनके इलाज में जुट गई। घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन सभी बुरी तरह झुलसे हुए हैं। इस हादसे के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है।

पुलिस अधीक्षक कुल्लू डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि जरी पुलिस चौकी में इस घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आग लगने के सही कारणों का पता लगाने के लिए गहनता से जांच कर रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि सिलेंडर में कोई तकनीकी खराबी थी या यह कोई और कारण था। इस घटना ने एक बार फिर गैस सिलेंडर के इस्तेमाल में सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया है। अक्सर छोटे-छोटे हादसे बड़ी दुर्घटना का कारण बन जाते हैं।

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