( जसवीर सिंह हंस ) शैलेंद्र नाथ उम्र 45 वर्ष पुत्र सुरेश नाथ निवासी आर्य नगर दिल्ली व अरुण आहूजा उम्र 50 वर्ष पुत्र गोविंद लाल आहूजा निवासी शालीमार बाग दिल्ली को गिरफ्तार कर लिया है |आरोप है कि इन दोनों चार्टर्ड अकाउंटेंट की मिलीभगत से नक़ली बैलेंस शीट बनाई गई वह नकली ऑडिट कर कर बैंकों से करीब 16 सोलह सौ करोड़ रुपए का लोन लेकर घोटाले को अंजाम दिया गया सीआईडी गौरतलब है कि सीआईडी इन को काफी समय से पूछताछ के लिए बुला रही थी परंतु से लोग सीआईडी के सामने पेश नहीं हो रहे थे सीआईडी की टीम ने इनको दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया आज इनको पांवटा साहिब की स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से इनको 2 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है |
हिमाचल प्रदेश सरकार को चुना लगाने के आरोप में इंडियन टैक्नोमेक कंपनी के खिलाफ आई पी सी की धारा 406 ,409 ,217 218 ,120 b , 420,467,468,470,471,34 व भर्ष्टाचार निरोधक कानून विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया कर कार्यवाही अम्ल मे लाई जा रही हैं । | गोरतलब है कि पांवटा साहिब में लगी यूनिट में ताला लटका हुआ है व आबकारी एवं कराधान विभाग ने इसको सील किया हुआ है | उस समय जब इंडियन टैक्नोमेक कंपनी जब यहाँ लगी थी थी तो कई गुना महंगे दामो पर स्थानीय लोगो से जमीने खरीदी गयी थी | उस समय कई ठेकेदार भी मलाई कूट गये थे व दो नंबर में काम कर यहाँ काम कर रहे थे जो अब सड़क पर आ गये है व उस समय सिविल व फेब्रीकेटर के ठेके लेने वाले भी अब बेरोजगार हो गए है |
करोड़ों रुपए के इंडियन टेक्नॉमैक घोटाले में स्टेट सीआईडी ने नाहन की स्पेशल जज के सामने चालान पेश कर दिया है स्टेट सीआईडी के एडीशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अशोक तिवारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर या जानकारी दें गौरतलब है कि पावटा साहिब के जगतपुर में इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी ने दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न बैंकों से करोड़ों रुपए का कर्ज लिया तथा विभिन्न मामलों में बिजली विभाग तथा अन्य विभागों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है |
इस मामले में कंपनी के तत्कालीन निदेशक विनय कुमार प्लाट हेड त्रिलोचन बिसवाल डीजीएम् अकाउंट विवेक लाल व विवेक गुप्ता डीजीएम स्टोर आर के सैनी डीजीएम् फाइनेंस हिमांशु गोयल तथा कबाड़ी सुलेमान और अमित सिंह के खिलाफ नाहन की जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई सुलेमान कबाड़ी और अमित सिंह पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी से चोरी गया सामान खरीदा है इस मामले में सीआईडी के भराडी पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 420 406 409 420 120 तथा व भर्ष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था अप्रैल 2016 में इस मामले में सीआईडी काफी लंबे समय से जांच कर रही थी तथा इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारिया भी हो चुकी है |
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इंडियन टैक्नोमेक कंपनी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़े पैमाने पर घपले किए हैं. पुख्ता जानकारी के मुताबिक, कंपनी का मालिक राकेश कुमार शर्मा करीब 6 हजार करोड़ रुपये डकार कर विदेश भाग गया है.यह कंपनी हिमाचल सरकार के 2100 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा के करीब 2300 करोड़, आयकर विभाग के करीब एक हजार करोड़ के अलावा कर्मचारी भविष्य निधि, श्रम विभाग और बिजली बोर्ड समेत कई विभागों के करोंड़ों रुपये डकार कर भारत से भागने में कामयाब हो गई है |
आबकारी एवं कराधान विभाग की जांच में कई खुलासे हुए हैं. यह कंपनी रिफाइंड एलॉय यानी हवाई जहाजों या अन्य जहाजों के कल-पुर्जे बनाने के कारखाने चलाती है. जिसकी एक यूनिट पांवटा साहिब में भी लगी थी. इस कंपनी के कई राज्यों में यूनिट्स लगे थे. यह कंपनी लगभग सभी स्थानों से अपना कामकाज समेट चुकी है |
आपको बता दें, साल 2014 में यह मामला सामने आया था | पांवटा साहिब में जब से कंपनी की फैक्टरी लगी थी तब से ही कंपनी ने सेल्स टैक्स और वैट की चोरी करनी शुरू कर दी थी. बाहरी राज्यों से जितना भी कच्चा माल हिमाचल आता था उसकी डिटेल्स छुपाई जाती थी. सेल्स टैक्स और वैट की चोरी के लिए कागजों में भी कई तरह हेर-फेर किए गए थे.वर्ष 2008-09 की असेसमेंट के दौरान आबकारी एवं कराधान विभाग को इसकी जानकारी मिली थी |
वर्ष 2009-10 की असेसमेंट के दौरान भी बड़ी गड़बड़ियां सामने आई थीं. विभाग ने इसकी जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था. उस वक्त यह जांच आबकारी एवं कराधान विभाग के सहायक आयुक्त गणेश दत्त ठाकुर ने की थी. गणेश दत्त ठाकुर इस जांच कमेटी के अध्यक्ष थे. जांच रिपोर्ट में तब यह खुलासा हुआ था कि कंपनी ने वेट एक्ट और सेल्स परचेज एक्ट सहित एक्साइज कानून की कई अन्य धाराओं का उल्लंघन करते हुए सरकार को 2100 करोड़ रुपये का भारी भरकम चूना लगाया है. अब इसके तार देश के कई अन्य राज्यों से जुड़े हुए नजर आ रहे हैं | इस घोटाले को अंजाम देने वाली इंडियन टैक्नोमेक कंपनी ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़े पैमाने पर घपले किए हैं |
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े कर कर्ज-कर घोटाले में संलिप्त इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी का रास्ता साफ हो गया है। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में आबकारी एवं कराधान विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों ने इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी की नीलामी के संदर्भ में हाईकोर्ट को अवगत करवाया था । प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के न्यायाधीश ने इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी के तहत आने वाले सभी स्टेकहोल्डर्स को यह निर्देश दिए की वह को रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज (लिक्विडेटर ऑफिस) के चंडीगढ़ कार्यालय में बैठक कर यह तय करे। कि इंडियन टेक्नोमेक कंपनी को किस तरह नीलाम किया जाएगा और जिस जिस विभाग का जो भी शेयर बनता है। वह उसे हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार वितरित कर दिया जाएगा।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 4 जनवरी 2019 को चंडीगढ़ में बैठक आयोजित हुई थी । हाईकोर्ट के आदेश पर इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी को नीलाम किया जाएगा। हाईकोर्ट में इंडियन टेक्नॉमैक के स्टेकहोल्डर में मुख्यत: आबकारी एवं कराधान विभाग, बैंक ऑफ इंडिया के तहत 15 बैंक, पीएफ व आयकर विभाग है।
6000 करोड़ के कर-कर्ज घोटाले में 2100 करोड़ रुपए आबकारी एवं कराधान विभाग, 15 बैंकों के करीब 1700 करोड़, आयकर विभाग के 750 करोड़ व पीएफ के करीब 3 से 5 करोड़ के रूपये के आसपास धनराशि इंडियन टेक्नॉमैक ने हड़प की थी। हाल ही में आबकारी एवं कराधान विभाग सिरमौर द्वारा इंडियन टेक्नोमेक कंपनी को नीलाम करने के लिए हिमकॉन एजेंसी से इसकी वैल्यूएशन भी करवाई गई थी। हिमकॉन एजेंसी द्वारा जो वैल्यूएशन की गई थी, उसके अनुसार ही इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी को नीलाम किया जाएगा।