”होनहार बिरवान के होत चिकने पात” नामक कहावत सात वर्षीय सक्षम की उपलब्धि पर खरी उतरती है जिन्हें नाहन में लिटल ब्रूस ली के नाम से जाना जाता है । एसवीएन स्कूल नाहन में शिक्षा ग्रहण कर रहे तीसरी कक्षा के छात्र सक्षम ने गत 27 से 31 अगस्त तक दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ” किक्क बॉक्सिगं प्रतियोगिता में स्वर्ण मेडल जीत कर प्रदेश व विशेषकर नाहन का नाम रोशन किया है ।
उपायुक्त सिरमौर ललित जैन ने अपने कार्यालय में मिस्टर सक्षम को बधाई देते हुए उन्हें इस उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए सम्मानित किया गया । उन्होने कहा कि अध्यापक और अभिभावक बच्चे को जीवन के जीवन को संवारने में अहम भूमिका निभाते हैं । उन्होने कहा कि बच्चों को उनकी रूचि के अनुरूप ही उनका सर्वांगीण विकास किया जाना चाहिए । उन्होने कहा कि सक्षम का भविष्य उज्ज्वल है और यह अपने जीवन में सफलता की ऊंचाईयों को छुएगा ।
समक्ष के पिता अजय ने जानकारी दी कि समक्ष को बचपन से ही ”किक्क बॉक्सिग” व कराटे का काफी शौक था और सक्षम अक्सर यू-टयूब पर किक बॉक्सिग को देखा करता था । उन्होने कहा कि सक्षम का शौक देखकर वह उन्हें तीन वर्ष की आयु में नाहन में जावेद उलफल द्वारा संचालित अकादमी में ले गए परन्तु बहुत कम आयु होने के कारण उन्हें कोचिंग देने से इंकार कर दिया । उन्होने बताया कि सक्षम ने साढ़े चार की आयु से कोचिंग लेनी आरंभ कर दी थी और इनके द्वारा अनेक प्रतिस्पर्धाओं में सदैव उत्कृष्ट स्थान प्राप्त किया है । सक्षम गोरखा समुदाय से संबध रखते हैं ।
अजय कुमार ने बताया कि हिमाचल किक्क बॉक्सिग संध द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कराटे प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था । इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण और रजत पदक हासिल किया गया था । उन्होने बताया कि दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में आयोजित किक बॉक्सिग प्रतियोगिता में देश के 22 राज्यों ने भाग लिया था जिसमें सक्षम ने अपने वर्ग में स्वर्ण पदक जीत कर सिरमौर और अपने स्कूल का नाम रोशन किया है । अजय कुमार अपने बेटे की इस उपलब्धि का श्रेय कोच जावेद उलफत को देते हैं जिनके द्वारा सक्षम को कराटे एवं किक्क बॉक्सिग में समक्ष बनाया है । उन्होने कहा कि स्कूल प्रधानाचार्य कुन्दन सिंह का भी सक्षम के मनोबल बढाने व अन्य सहयोग देने के लिए काफी योगदान रहा है ।